बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. चौथे कृषि रोड मैप के तहत राज्य में 2024-25 से चकबंदी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. चकबंदी का मुख्य उद्देश्य खेतों का एकीकरण कर फसलों की उत्पादकता बढ़ाना है.
104 गांवों में अंतिम अधिकार अभिलेख प्रकाशित कर दिए गए हैं, जहां से सबसे पहले चकबंदी का काम शुरू होने की संभावना है. इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए सरकार ने 10,000 कर्मियों की नियुक्ति करने का फैसला किया है.
विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त का काम तेजी से पूरा करने का लक्ष्य:
चकबंदी से पहले खेतों का सही आंकलन जरूरी है. इसीलिए, सरकार ने 2024 में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है. इस काम को गति देने के लिए नवंबर 2024 तक 7,587 गांवों में सर्वेक्षण का काम निपटा लिया जाएगा.
हवाई सर्वेक्षण से भी होगा फायदा:
आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए राज्य के सभी 38 जिलों में हवाई फोटोग्राफी का काम पूरा कर लिया गया है. इससे चकबंदी की प्रक्रिया में काफी सहूलियत होगी.
जमीन के रिकॉर्ड का होगा बेहतर प्रबंधन:
चकबंदी के बाद भविष्य में जमीन से जुड़े विवादों को कम करने के लिए इंटीग्रेटेड लैंड रिकॉर्ड्स मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा. इस प्रणाली के प्रबंधन का जिम्मा बिहार लैंड रिकॉर्ड्स मैनेजमेंट सोसायटी को सौंपा जाएगा. कुल मिलाकर, बिहार सरकार चकबंदी को धरातल पर उतारने के लिए पूरी तरह तैयार है. यह योजना किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है.