मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। मुख्य सचिवालय में सुबह 11 बजे शुरू हुई नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक खत्म हो गई है। कैबिनेट की बैठक में कुल 14 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी है। कैबिनेट ने ग्रामीण विकास विभाग, विज्ञान प्रावैधिकी एंव तकनीती शिक्षा विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, योजना एंव विकास विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन, परिवहन और पथ निर्माण विभाग से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। खास बात ये है कि न्यायिक सेवा में EWS को 10 फीसदी आरक्षण देने को भी मंजूरी दी गई है।
इन एजेंडों पर लगी मुहर
- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग: पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत प्राप्त ऋण से 100 प्रथमवर्गीय पशु चिकित्सालय-सह- आवास के भवन निर्माण हेतु 107.69 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई।
- विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग: (1) विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों तथा राजकीय पोलिटेकनिक संस्थानों के भवनों के मरम्मति एवं अनुरक्षण के संबंध में संबंधित प्राचार्य को प्रशासनिक स्वीकृति की शक्ति प्रत्यायोजित करने की स्वीकृति दी गई। इसके लिए 10 लाख रूपये तक की स्वीकृति दी गई है। (2) राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय एवं राजकीय पोलिटेकनिक संस्थान, प्रयोगशाला सहायक (विज्ञान) संवर्ग नियमावली-2023 की स्वीकृति दी गई।(3) बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय, पटना के परिनियम एवं आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशाखा पदाधिकारियों के पूर्व स्वीकृत कुल-03 पदों को प्रत्यर्पित करने एवं पदाधिकारियों/कर्मियों के कुल-16 (सोलह) अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति करने की स्वीकृति दी गई। (4) सात निश्चय-2 कार्यक्रम अन्तर्गत राज्य में स्थापित एवं संचालित बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय, पटना के लिए भवनों के निर्माण एवं अन्य कार्य (फर्निचर सहित) हेतु कुल रू० 6692.11 लाख (छियासठ करोड़ बानवे लाख ग्यारह हजार रूपये) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति करने की स्वीकृति दी गई। (5) डॉ० ए॰पी॰जे॰अब्दुल कलाम साईन्स सिटी, पटना के निर्माण एवं विकास हेतु चयनित मास्टर प्लान कन्सलटेंट स्वतक ब्नसजनतंस त्मेवनतबमे ;स्ब्त्द्ध के लिए 6 करोड़ से अधिक की स्वीकृति दी गई है।
- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग : पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के ही तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक से ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के तहत प्राप्त ऋण से राज्य स्तरीय संसाधन एवं प्रशिक्षण केन्द्र के भवन निर्माण हेतु रूपये 39 करोड़ से अधिक रूपये तथा 17 जिलों के लिए जिला स्तरीय संसाधन एवं प्रशिक्षण केन्द्र के भवन निर्माण के लिए 225.05 करोड़ रूपये व्यय की स्वीकृति दी गई।
- सामान्य प्रशासन विभाग: बिहार उच्च न्याय सेवा (संशोधन) नियमावली, 2023 एवं बिहार असैनिक सेवा नियमावली, 2023 की स्वीकृति दी गई।
- खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग: सर्वोच्च न्यायालय में दायर स्वतः संज्ञान लिये गये रिट याचिका (सिविल) सं0-2/2021 में पारित न्यायादेश के आलोक में विभिन्न जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों के लिए अनुबंध के आधार पर निम्न वर्गीय लिपिक के कुल 30 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
- परिवहन विभाग : बिहार मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (गठन एवं सेवा शर्त्त) नियमावली, 2023 के अधिसूचित प्रारूप के संगत प्रावधानों के आलोक में गठित किये जाने वाले प्रमंडल स्तरीय मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण हेतु अध्यक्ष का 07 पद, अपर जिला परिवहन पदाधिकारी के 07 पद, उच्च वर्गीय लिपिक के 07 पद, निम्नवर्गीय लिपिक के 07 पद एवं आशुलिपिक के 07 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
- पथ निर्माण विभाग : समस्तीपुर जिलान्तर्गत दलसिंहसराय यार्ड स्थित लेवल क्रॉसिंग संख्या-32। (रेलवे कि॰मी॰ 11/23-23 ।) के बदले पहुॅच पथ सहित आर॰ ओ॰ बी॰ के निर्माण हेतु 9720.83 लाख (सत्तानबे करोड़ बीस लाख तीरासी हजार) राज्यांश सहित कुल 13501.81 लाख (एक सौ पैतींस करोड़ एक लाख इक्कासी हजार) के अनुमानित लागत पर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।
- योजना एवं विकास विभाग : स्वामीनाथ मांझी, तत्कालीन सहायक योजना पदाधिकारी-सह-प्रभारी जिला योजना पदाधिकारी, पूर्वी चम्पारण, मोतिहारी सम्प्रति निलंबित मुख्यालय क्षेत्रीय योजना कार्यालय, पूर्णियाँ प्रमंडल, पूर्णियाँ पर सरकारी सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्ति का वृहत दंड अधिरोपित करने की स्वीकृति दी गई।
- ग्रामीण विकास विभाग : राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी, तत्कालीन ग्रामीण विकास पदाधिकारी- सह-प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी, नरकटियागंज, पश्चिम चम्पारण सम्प्रति प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी, खैरा, जमुई के विरूद्ध पद का दुरूपयोग तथा भ्रष्ट आचरण के कदाचारपूर्ण कृत्य के प्रमाणित गंभीरतम आरोपों के लिये श्री राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी को बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली-2005 के नियम-14(पग) के तहत सरकारी सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड अधिरोपित करने की स्वीकृति दी गई।
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