बिहार सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए वेतन और पेंशन भुगतान के लिए 1600 करोड़ रुपये का अनुदान जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग ने यह भी घोषणा की है कि अतिथि शिक्षकों के मानदेय की राशि भी विश्वविद्यालयों को भेज दी गई है।
अनुदान में क्या शामिल है:
- वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वेतन एवं पेंशन मद: इस मद में जारी राशि का उपयोग शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के पिछले बकाया वेतन और पेंशन के भुगतान के लिए किया जाएगा।
- वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वेतन एवं पेंशन मद: इस मद में मार्च 2024 से जून 2024 तक के लिए शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के भुगतान के लिए अनुदान राशि शामिल है।
- अतिथि शिक्षकों का बकाया मानदेय: वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अतिथि शिक्षकों के बकाया मानदेय के भुगतान के लिए भी अनुदान राशि भेजी गई है।
इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वेतन और पेंशन भुगतान में वित्तीय अनुशासन का पालन करें। स्वीकृत पदों के अनुसार नियुक्त शिक्षक/शिक्षकेतर कर्मचारियों और अतिथि शिक्षकों को ही भुगतान किया जाए। भुगतान का मुख्य आधार वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा किया गया सत्यापन होगा। विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे बकाया भुगतान एक महीने के अंदर सुनिश्चित करें और उसके उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं।
गौरतलब है कि कई महीनों से शिक्षा विभाग ने विभिन्न तकनीकी कारणों से विश्वविद्यालयों की अनुदान राशि रोक रखी थी। हाल ही में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ शिक्षा विभाग की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें अनुदान राशि जल्दी से जल्दी जारी करने का निर्णय लिया गया था। यह अनुदान शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत होगी, जिन्हें वेतन और पेंशन भुगतान में देरी का सामना करना पड़ रहा था।