बिहार के 83 पदाधिकारियों को विभिन्न राज्यों में मतगणना प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। इनमें 28 आईएएस अधिकारी और 55 बिहार प्रशासनिक सेवा (बीपीएस) के अधिकारी शामिल हैं। ये सभी अधिकारी लोकसभा, विधानसभा और उपचुनाव की मतगणना के दौरान केंद्रीय निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगे।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इन पदाधिकारियों को उनकी नई जिम्मेदारियों के बारे में सूचित किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी अधिकारी आयोग के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और मतगणना प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने में योगदान दें।
सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के लिए नियुक्त किए गए मतगणना प्रेक्षक 31 मई तक अपने निर्धारित स्थानों पर योगदान देंगे। जबकि अन्य राज्यों के लिए नियुक्त प्रेक्षक 2 जून तक अपनी जिम्मेदारियों को संभाल लेंगे। इन अधिकारियों की नियुक्ति का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राज्यों में मतगणना प्रक्रिया की निगरानी करना और यह सुनिश्चित करना है कि यह प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो।
बिहार के अधिकारियों की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि राज्य के प्रशासनिक अधिकारी न केवल राज्य के भीतर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह कदम इस दिशा में भी महत्वपूर्ण है कि विभिन्न राज्यों में चुनाव प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सके। अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे मतगणना के दौरान किसी भी अनियमितता को तुरंत रिपोर्ट करें और सुनिश्चित करें कि मतगणना प्रक्रिया सुचारू रूप से चले।
इन नियुक्तियों के माध्यम से, केंद्रीय निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पूरे देश में चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली या अनियमितता को रोका जा सके और हर मतदाता का वोट सही तरीके से गिना जा सके। इन प्रेक्षकों की तैनाती से चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता में वृद्धि होगी।