छपरा के पूर्व विधायक और महाराजगंज के पूर्व बाहुबलि सांसद के बेटे रणधीर सिंह ने अब राजद का साथ छोड़ दिया है। 14 मई को वे जदयू में शामिल हो जाएंगे। लेकिन इससे पहले ही रणधीर सिंह ने उन नेताओं पर नजर टेढ़ी कर ली है, जो उन्हें गालियां देते रहे हैं। रणधीर सिंह ने कहा कि राजद में होने के दौरान उन्हें कई बार गालियां दी गईं और वे महागठबंधन धर्म का पालन करने के कारण उन नेताओं को कुछ नहीं कह पाए। लेकिन अब रणधीर सिंह खुलेआम कह रहे हैं कि जो जिस भाषा में बात करेगा, उसको उसी भाषा में जवाब देंगे।
लड़ना है तो सामने से लड़ो, कब तक लड़ोगे डरे-छिपे… BJP पर भड़कीं रोहिणी आचार्य
अब सवाल उठता है कि महागठबंधन के वो कौने से विधायक या नेता हैं जो रणधीर सिंह को गालियां दे रहे थे। अभी सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्रों के अंदर में 12 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें सारण के छह विधायकों में से चार विधायक राजद के हैं जबकि दो विधायक भाजपा के। राजद के विधायकों में जितेंद्र राय, सुरेंद्र राम, छोटे लाल राय और रामानुज प्रसाद यादव शामिल हैं। जबकि महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन के चार विधायक हैं। इनमें सत्येंद्र यादव, विजय शंकर दूबे, श्रीकांत यादव और केदार नाथ सिंह शामिल हैं। केदार नाथ सिंह तो रणधीर सिंह के चाचा हैं, इसलिए उन पर निशाना नहीं हो सकता। लेकिन शेष 7 विधायकों पर रणधीर सिंह का यह हमला सुर्खियों में बना हुआ है।
रणधीर सिंह ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा कि उनके पिता जदयू में थे तो सारण प्रमंडल में जदयू के 21 विधायक और राजद के 3 विधायक थे। लेकिन बाद में जब प्रभुनाथ सिंह जदयू छोड़कर राजद में आए तो राजद मजबूत हुआ। अब एक बार फिर वे जदयू को मजबूत करेंगे और सारण प्रमंडल के साथ पूरे बिहार से राजद का खात्मा करेंगे।