राजधानी पटना की सड़क पर शुक्रवार को एक दिलचस्प वाकया देखने को मिला। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ राज्य सचिवालय स्थित विकास भवन के सामने से गुजर रहे थे। तभी उन्होंने विद्यालय से लौट रहे कुछ बच्चों को देखा।
बच्चों से सीधी बातचीत
डॉ. सिद्धार्थ ने अपनी गाड़ी रुकवा कर उन बच्चों से बात करने का फैसला किया। उन्होंने बच्चों से उनके नाम, कक्षा और स्कूल के बारे में पूछा। साथ ही उन्होंने स्कूल में पढ़ाई के माहौल और शिक्षा के तरीकों के बारे में भी जानकारी ली। बच्चों ने बताया कि उन्हें स्कूल में अच्छी तरह पढ़ाया जाता है और उन्हें पढ़ाई करने में मजा आता है।
होमवर्क की जांच-पड़ताल
बातचीत के दौरान डॉ. सिद्धार्थ ने एक बच्चे से उसकी अंग्रेजी की होमवर्क कॉपी मांगी। कॉपी देखने पर उन्होंने पाया कि शिक्षक ने होमवर्क को जांचा तो है, लेकिन उस पर तारीख नहीं लिखी गई है।
पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन और अधिकारियों को निर्देश
बच्चों से मुलाकात के बाद डॉ. सिद्धार्थ ने उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें पढ़ाई में कोई दिक्कत हो तो वे अपने शिक्षकों या अभिभावकों से मदद लें। गौरतलब है कि डॉ. सिद्धार्थ ने पहले ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे स्कूलों का निरीक्षण करते समय बच्चों और उनके अभिभावकों से बातचीत करें। उनका मानना है कि इससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
लोगों ने की सराहना
विकास भवन के पास मौजूद लोगों ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की इस पहल की सराहना की। उनका मानना है कि बच्चों से सीधे तौर पर बातचीत करना शिक्षा विभाग को जमीनी हकीकत जानने में मदद करेगा और इससे शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में सार्थक कदम उठाए जा सकेंगे