जमीन के दाखिल-खारिज के आवेदनों को समय सीमा के अंदर निपटाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों (सीओ, राजस्व पदाधिकारी और हल्का कर्मचारी) पर अब कार्रवाई होगी। यह सख्त कदम राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बिहार के सभी जिलाधिकारियों को लिखे पत्र के माध्यम से उठाया है।
जानकारी के अनुसार, राज्य के कई जिलों में जमीन के दाखिल-खारिज की स्थिति लंबे समय से खराब है। राज्य और जिला स्तर से बार-बार आदेश दिए गए हैं कि आवेदनों का निपटान तय समय सीमा के अंदर किया जाए, लेकिन इन आदेशों की लगातार अवहेलना हो रही है।
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई:
- समय सीमा का उल्लंघन: जमीन के दाखिल-खारिज के लिए प्राप्त आवेदनों का निपटान 21 दिनों में करना होता है। यदि आपत्ति प्राप्त होती है, तो ऐसे आवेदनों को अधिकतम 63 दिनों में स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाना चाहिए।
- अकारण आवेदन अस्वीकृति: यदि कोई कर्मी/पदाधिकारी बिना किसी ठोस आधार के आवेदन को खारिज करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
- ऑफलाइन लगान रसीद: विभागीय आदेशों का उल्लंघन करते हुए ऑफलाइन काटे गए जमीन की लगान रसीद की जांच कर दोषी राजस्व कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि वे तय समय सीमा से अधिक समय से लंबित आवेदनों वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को चिन्हित करें और उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि एडीएम और डीसीएलआर नियमित रूप से समीक्षा करें और विभाग को रिपोर्ट दें कि क्या आदेशों का पालन किया जा रहा है। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऑफलाइन भू-लगान रसीद जारी करने वाले कर्मचारियों को चिन्हित करें और उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करें।