पटना: बिहार की राजधानी पटना में गांधी मैदान के गांधी मूर्ति के समीप अनिश्चितकालीन धरना दे रहे जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को जिला प्रशासन ने हटने का आदेश दिया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह धरना पटना उच्च न्यायालय के आदेश और प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन है।
क्या है मामला?
प्रशांत किशोर और उनके समर्थक बीपीएससी परीक्षा को पूरी तरह रद्द कर दुबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने गांधी मूर्ति के समीप धरना शुरू किया। हालांकि, पटना जिला प्रशासन ने कहा है कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार शहर में धरना और प्रदर्शन के लिए गर्दनीबाग को चिह्नित किया गया है। गांधी मैदान में धरना प्रदर्शन करना प्रतिबंधित है।
जिला प्रशासन के अनुसार, “गांधी मैदान में बिना अनुमति धरना देना गैरकानूनी है। प्रशांत किशोर का यह कदम न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि स्थापित परंपराओं के भी विपरीत है।”
प्रशांत किशोर के खिलाफ FIR दर्ज
प्रशासन ने प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें नोटिस दिया है। नोटिस में कहा गया है कि वे अपना धरना तत्काल प्रभाव से गर्दनीबाग में स्थानांतरित करें। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशांत किशोर और उनके संगठन जन सुराज ने बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने और नई परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। किशोर का कहना है कि बिहार में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है, और वह इस अन्याय के खिलाफ खड़े हैं।
प्रशासन की दलील
पटना प्रशासन ने कहा कि गांधी मैदान सार्वजनिक स्थल है और यहां बिना अनुमति धरना देना न केवल अव्यवस्था पैदा करता है, बल्कि न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि गर्दनीबाग क्षेत्र को प्रदर्शन के लिए निर्धारित किया गया है, और सभी संगठनों को नियमों का पालन करना चाहिए।