लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। बिहार में एनडीए की ओर से सीटों पर बंटवारा भी हो गया है। अब नेताओं के दल बदल का सिलसिला शुरू हो गया है। डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में सजा काटकर जेल से बाहर निकले आनंद मोहन की पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद ने 18 मार्च सोमवार को अपने छोटे बेटे अंशुमन आनंद और समर्थकों के साथ जदयू में शामिल हो गयीं।
जदयू में शामिल होते ही लवली आनंद के सुर बदल गये। उन्होंने राजद पार्टी पर गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि राजद ए टू जेड की पार्टी बिलकुल नहीं है, क्योंकि पार्टी में होने के बावजूद समाज विशेष को ठाकुर का कुआं कह कर गाली दिलाई, और फिर उसपर एक्शन लेने के जगह उन्हें (मनोज झा) बचाने का काम किया गया, उनका समर्थन किया गया। जिसके बाद सभी ने उसी वक्त पार्टी छोड़ने का निर्णय ले लिया।
लवली आनंद ने कहा कि राजद किराए का घर था, और यह हमारा पुराना घर है। उन्हें अपना समझने के बावजूद भी वे लोग अपना समझने को तैयारी नहीं थे। कहा कि समता पार्टी की मैं फाउंडर मेंबर भी रही हूं। जहां मान-सम्मान मिले, समाज को गाली ना दी जाए, वहीं रहना चाहिए।
इधर, आनंद मोहन के छोटे बेटे अंशुमन आनंद की राजनीतिक पारी की शुरुआत जदयू से हो गई। सोमवार को जदयू कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में अंशुमान ने अपनी मां लवली आनंद के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण। जदयू का सदस्य बनने के बाद अंशुमान आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जॉर्ज फर्नांडिस की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल होने की बात कही।
बता दें कि आनंद मोहन के बड़े बेटे चेतन आनंद शिवहर से आरजेडी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। बिहार विधानसभा बजट सत्र के दौरान पाला बदलकर एनडीए के पाले में आ गए।