पूर्णिया के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम से 3.70 करोड़ रुपये के आभूषणों की लूट की घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। इस घटना के एक हफ्ते बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक लुटेरों का सुराग नहीं लगा पाई है। बिहार और पश्चिम बंगाल में व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
पुलिस जांच में चुनौतियां
पुलिस जांच में सामने आया है कि लूट में शामिल छह लोगों में से पांच की पहचान नहीं हो पाई है। ये सभी पश्चिम बंगाल के रहने वाले बताए जा रहे हैं। सबसे बड़ी चुनौती लूट के मुख्य आरोपी चुनमुन झा को पकड़ना है, जिसके बारे में संदेह है कि वह नेपाल भाग गया हो।
लूट के बाद आरोपी तीन-तीन के समूह में बंटकर फरार हो गए थे, जिससे पुलिस की जांच और जटिल हो गई है। लूटे गए आभूषण किस समूह के पास हैं, इसका पता लगाना पुलिस के लिए चुनौती है।
पुलिस का फोकस चुनमुन झा पर
पुलिस का मानना है कि चुनमुन झा अन्य पांच अपराधियों और लूटे गए आभूषणों तक पहुंचने की कुंजी है। इसलिए पुलिस की पूरी टीम चुनमुन झा को पकड़ने के प्रयास में जुटी हुई है। पुलिस ने बंगाल, झारखंड और नेपाल में जाल बिछा दिया है।
गिरोह की कार्यप्रणाली
पुलिसिया जांच से पता चला है कि इस लूटकांड के पीछे पटना जेल में बंद एक अपराधी सुबोध सिंह का हाथ है। यह गिरोह पहले भी कई लूट की घटनाओं को अंजाम दे चुका है और पुलिस को चकमा देने में माहिर है। यह गिरोह घटना के बाद ऐसे साक्ष्य छोड़ जाता है जिससे पुलिस गुमराह हो जाए।
जनता में असुरक्षा
इस घटना के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। लोग अब सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
पूर्णिया तनिष्क लूटकांड एक संगठित अपराध का मामला है जिसमें पुलिस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, पुलिस ने चुनमुन झा को पकड़ने के लिए सभी संसाधन जुटा दिए हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में सफलता मिलेगी।