लोकसभा चुनाव 2024 राजद के खास रहा भी और नहीं भी रहा। लेकिन 2019 में राजद को कोई सीट नहीं मिली थी, इस लिहाज से 2024 के चुनाव नतीजे बेहतर रहे। लेकिन लोकसभा चुनाव के बेहतर नतीजे के बाद लालू-तेजस्वी के राजद को लगातार झटके लग रहे हैं। बिहार की राजनीति में बार बार यह बात उठ रही है कि नीतीश कुमार को साथ मिलाकर फिर राजद सत्ता में वापसी कर सकता है। लेकिन इन बातों को नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेता लगातार झुठला रहे हैं। दूसरी ओर लोकसभा चुनाव के बाद लालू-तेजस्वी की राजद तीन सदनों में पिछड़ चुकी है।
इंडी गठबंधन में ‘सिर फुटव्वल’ की स्थिति… बिहार से दिल्ली तक मची हलचल
राज्यसभा : लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र सीट से चुनाव जीतने वाली राजद उम्मीदवार मीसा भारती पहले राज्यसभा सांसद थीं। लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें राज्यसभा सीट छोड़नी पड़ी। इसके बाद उपचुनाव में इस सीट भाजपा के उम्मीदवार को राज्यसभा जाने का मौका मिला। इस तरह लोकसभा चुनाव के बाद राजद को सबसे पहला झटका राज्यसभा में लगा।
बिहार विधान सभा : इसके बाद बिहार विधानसभा का उपचुनाव हुआ, इसमें भी राजद को झटका लगा। दो सीटों पर उपचुनाव राजद नेताओं के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद हुए और दोनों ही सीटें राजद हार गया। इसमें रामगढ़ सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया। जबकि बेलागंज सीट पर जदयू ने राजद को झटका दिया।
बिहार विधान परिषद : अभी ताजा झटका लालू-तेजस्वी के राजद को बिहार विधान परिषद के चुनाव में लगा है। राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द होने के बाद भी उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही है। नामांकन अभी जदयू की ओर से ललन प्रसाद ने नामांकन कर दिया है और उनकी जीत भी तय है क्योंकि वे एनडीए के उम्मीदवार हैं।