मुज़फ्फरपुर में वर्ष 2022 में गर्भाशय के आपरेशन के दौरान सकरा थाना के बाजी राउत गांव की सुनीता देवी की दोनों किडनियां निकालने के मामले में न्यायिक हिरासत में बंद डा.पवन कुमार को दोषी करार देते हुए अलग अलग धाराओं में पांच साल और दो साल कि सजा सुनाई गई है। मामले के सत्र विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम अजय कुमार मल्ल के विशेष कोर्ट (एससी/एसटी एक्ट) ने उसे दोषी ठहराते हुए 18 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक (एससी/एसटी एक्ट) जयमंगल प्रसाद ने बताया कि विशेष कोर्ट में सजा के बिंदु पर सुनवाई होने के बाद कुल सात साल कि सजा सुनाई गई है।
इस मामले के मुख्य आरोपित डा. आरके सिंह अब तक फरार है। उसके विरुद्ध कुर्की की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। विशेष कोर्ट ने उसके मामले को अलग कर दिया है। बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लीनिक में ही तीन सितंबर 2022 सुनीता के गर्भाशय का आपरेशन किया गया था। यह क्लीनिक झोलाछाप डाक्टर पवन कुमार का बताया गया था। पांच सितंबर को सुनीता की तबीयत खराब होने पर उसे श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल लाया गया। सात सितंबर 2022 को जांच के बाद पता चला कि उसकी दोनों किडनियां निकाल ली गई हैं।इससे पहले पेट में दर्द की शिकायत पर 11 जुलाई 2022 को डा. पवन के क्लीनिक में उपचार शुरू हुआ। गर्भाशय निकालने के लिए आपरेशन कराने की सलाह दी गई। इसके लिए उससे 20 हजार रुपये जमा कराए गए थे।