डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान के कथित अपमान पर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए भाजपा को दोषी ठहराया है। दूसरी ओर, भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया है। इस राजनीतिक उठापटक के बीच, सी-वोटर द्वारा किए गए सर्वेक्षण के चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।
आंबेडकर विवाद पर सर्वेक्षण के नतीजे: कौन है फायदा उठाने वाला?
आज तक पर प्रसारित सी-वोटर सर्वेक्षण के मुताबिक, 30.4% लोगों का मानना है कि इस विवाद से एनडीए को फायदा हो सकता है, जबकि 31.3% लोगों का मानना है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) को इसका लाभ मिलेगा। दिलचस्प बात यह है कि 14.3% लोग मानते हैं कि यह विवाद दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के संदर्भ में सर्वेक्षण ने आम आदमी पार्टी (आप) को सबसे बड़े लाभार्थी के रूप में दिखाया है। सर्वे के अनुसार:
- आप: 26.5%
- भाजपा: 22%
- कांग्रेस: 15.9%
यह सर्वेक्षण 20-21 दिसंबर के बीच फोन कॉल्स के जरिए किया गया था, जिसमें 1228 लोगों ने हिस्सा लिया।
वामपंथी दलों का प्रदर्शन
आंबेडकर विवाद को लेकर वाम दलों ने सोमवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), और अन्य वामपंथी दलों ने अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। माकपा की दिल्ली इकाई ने इसे भारतीय लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों पर हमला बताया।
चुनावों के लिए बढ़ती सियासी हलचल
आंबेडकर विवाद के जरिए दलित वोट बैंक को साधने की सियासत तेज हो गई है। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव और बिहार में अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए, राजनीतिक दल आंबेडकर के नाम पर अपना जनाधार मजबूत करने में जुटे हैं।
सियासी बयानबाजी जारी
कांग्रेस और विपक्षी दल इसे दलितों के सम्मान से जोड़कर भाजपा पर हमला कर रहे हैं, जबकि भाजपा इसे विपक्ष की साजिश करार दे रही है। वाम दल इसे संविधान और लोकतंत्र पर खतरा बताते हुए शाह को हटाने की मांग कर रहे हैं।