बिहार सरकार कला एवं संस्कृति को संरक्षित करने और युवा प्रतिभाओं को निखारने की दिशा में एक नई पहल लेकर आई है. राज्य के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने सभी 38 जिलों में “आम्रपाली प्रशिक्षण केंद्र” स्थापित करने का फैसला किया है.
प्रशिक्षण केंद्रों में मिलेगा निशुल्क प्रशिक्षण
इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य गीत-संगीत और नृत्य में रुचि रखने वाले लोगों की कला को निखारना है. साथ ही, धन की कमी के कारण प्रशिक्षण प्राप्त करने में असमर्थ प्रतिभाशाली कलाकारों को भी निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करना है. केंद्रों में शास्त्रीय नृत्य, संगीत, वाद्य यंत्र व अन्य कला से जुड़े विषयों की शिक्षा दी जाएगी.
केंद्रों की खासियतें और वित्तीय आवंटन
प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र में चार शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे. कुल 152 शिक्षकों की भर्ती आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जाएगी. केंद्रों के लिए 3000 वर्ग फुट का किराए का भवन लिया जाएगा. यह योजना वित्तीय वर्ष 2024-25 से शुरू होगी और अगले दो वर्षों (2025-26 और 2026-27) तक चलेगी. योजना के प्रभाव का आकलन करने के बाद इसे आगे भी जारी रखने पर विचार किया जा सकता है.
पहले साल यानि 2024-25 में इस योजना पर 10.86 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं, अगले दो वर्षों में (2025-26 और 2026-27) हर साल 9.34 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
कला और संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
“आम्रपाली प्रशिक्षण केंद्र” की स्थापना से बिहार में कला और संस्कृति के क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इससे न केवल युवा प्रतिभाओं को अपनी कला को निखारने का अवसर मिलेगा बल्कि राज्य की समृद्ध कला और संस्कृति विरासत को भी संरक्षित करने में मदद मिलेगी.