बिहार के सीतामढ़ी के नव निर्वाचित जदयू सांसद देवेश चन्द्र ठाकुर के बयान को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। विपक्ष उनके बयान को लेकर हमलावर है वहीं एनडीए के नेता उनके पक्ष में है। आज इसी कड़ी में सहरसा पहुंचे पूर्व सांसद आनन्द मोहन ने गंगजला स्थित अपने निजी आवास पर प्रेस वार्ता किया। प्रेस वार्ता में फ्रेंड्स ऑफ आनन्द के जिला अध्यक्ष बबलू,समाजवादी नेता सियाराम सिंह,फ्रेंड्स ऑफ आनंद के कार्यकर्ता अनिल सिंह,संतोष सिंह,डिग्री सिंह,ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू,सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे।
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‘जदयू का वैचारिक आधार समाजवाद है‘
प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व सांसद आनन्द मोहन ने कहा की जदयू का जो वैचारिक आधार है वो समाजवाद है,वो सभी को साथ लेकर चलने का है। यही राष्ट्रीय आंदोलन की मूल भावना थी, और उसी को समाजवादी पार्टियां अपना वैचारिक आधार और पार्टी का चरित्र बनाया। जदयू समाजवादी विचारधार की पार्टी है। जिसमें हिन्दू-मुसलमान जात-पात की कोई जगह नहीं है। व्यक्तिगत तौर पर जितना में जानता हूँ देवेश चन्द्र ठाकुर जी को, वो बहुत ही व्यवहारिक लोग हैं। मृदुभाषी लोग है, मिलनसार लोग हैं,उनको जितना मैं जानता हूँ, और जितना क्षेत्र के लोग जानते हैं उनके बयान से बिल्कुल उलट है।
वो व्यक्ति कभी ऐसी संकीर्ण बातों में नहीं पड़ा है। संभव है जो अपेक्षा उनकी थी जो मुसलमानों के लिए 107 योजनाएं नीतीश कुमार जी ने लाई और जिसको जमीन पर लागू किया। मैं समझता हूं भारत के आजादी के बाद का जो इतिहास है या पूर्व के शासकों का जो इतिहास है वो किसी ने भी आल्पसंख्यक और खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए इतने कार्य नहीं किये होंगे। उन्होंने ये भी कहा एक तो उस पार्टी का प्रतिनिधि थे, उनको अपेक्षा रही होगी, दूसरी बात उन्होंने कभी हिन्दू मुसलमान नहीं किया। काम से मतलब रखा, लोगों के सम्मान से मतलब रखा। संभव है उपेक्षा पर लोग अगर खड़े नहीं मिला, तो उनको आहत हुआ, और ठेस पहुंचा होगा। हमारे कार्यों का यही परिणाम है। तात्कालिक प्रतिक्रिया होगी, हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान को सुधारा भी है इसलिए इन सब बातों को इतना अब तूल देने की जरूरत नहीं है।