बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन अब रिहा हो जाएंगे। बिहार सरकार ने उन्हें रिहा करने के फैसले पर अंतिम मुहर लगा दी है। इसको लेकर अटकलें पहले से लग रही थी लेकिन अब राज्य सरकार ने इस पर मुहर लगा दी है। हालांकि राज्य सरकार के इस संभावित फैसले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई थी। यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने नीतीश कुमार से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी।
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ह’त्या के आरोप में सजा काट रहे आनंद मोहन
पूर्व लोकसभा सांसद आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। वैसे तो यह सजा आनंद मोहन के ह’त्या के आरोप में मिली है। आनंद मोहन पर जो आरोप है वो एक डीएम की ह’त्या का है। 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज जिले के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैय्या की ब’र्बर ह’त्या मुजफ्फरपुर के पास हुई थी। इस ह’त्याकांड में आनंद मोहन पर सीधे आरोप लगे। अब 19 साल बाद जब उस ह’त्याकांड के आरोपी आनंद मोहन को रिहा करने की बात शुरू हुई है तो इसमें जाति के एंगल की एंट्री हो गई है। दरअसल, जी कृष्णैय्या आंध्रप्रदेश के रहने वाले थे और दलित थे। इस ह’त्याकांड में आनंद मोहन को पहले निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट में उन्हें थोड़ी राहत मिली और फांसी की सजा उम्रकैद में बदल गई। आनंद मोहन सुप्रीम कोर्ट भी गए लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली और उम्रकैद की सजा बरकरार रही।
बिहार सरकार ने बदला कानून
बिहार में प्रावधान रहा है कि अच्छे आचरण वाले कैदियों को एक वक्त के बाद रिहा किया जा सकता है। जेल के रिकॉर्ड बताते हैं कि आनंद मोहन का आचरण अच्छा रहा है। इसलिए उन्हें रिहा करने की मांग भी उठने लगी। लेकिन अच्छे रिकॉर्ड के आधार पर रिहाई में एक पेंच यह था कि सरकारी कर्मी-अधिकारी की ह’त्या वाले मामले में राहत नहीं मिलनी थी। लेकिन नीतीश कुमार ने भरी सभा में बताया था कि वे चाहते हैं कि आनंद मोहन रिहा हो जाएं और इसके लिए वे प्रयास भी कर रहे हैं। नीतीश कुमार के प्रयासों का असर रहा कि राज्य सरकार ने सरकारी कर्मी-अधिकारी की ह’त्या वाले मामले में राहत नहीं प्रावधान ही समाप्त कर दिया। अब आनंद मोहन को रिहा करने की अंतिम मंजूरी भी दे दी गई।
बेटे की सगाई का तोहफा
भले ही आनंद मोहन पर आरोप संगीन थे लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी जैसे उनकी रिहाई की ही प्रतीक्षा में लगे थे। आनंद मोहन पिछले कुछ महीनों में कई बार जेल से पैरोल पर आए हैं। इस दौरान उनकी बेटी की शादी भी हुई है। हर बार आनंद मोहन से मिलने वालों की लंबी कतार देखी गई है। अभी आनंद मोहन शिवहर से विधायक अपने बेटे चेतन आनंद की सगाई के लिए पैरोल पर बाहर आए हैं। बेटे की सगाई के दिन ही उन्हें यह सियासी तोहफा मिला है।