नवादा के सीतामढ़ी थाना क्षेत्र के कोपिन में चिमनी भट्ठा निर्माण के लिए चल रही खुदाई के दौरान एक अद्भुत घटना घटी। जेसीबी मशीन से चल रही खुदाई में मजदूरों को तीन फुट ऊंची, पाषाण पर उकेरी गई देवी की प्राचीन प्रतिमा मिली। मजदूरों ने इस प्रतिमा को देखकर तुरंत अपने मालिक को सूचना दी।
मूर्ति मिलने की जानकारी मिलते ही श्रद्धालुओं की भीड़
प्रतिमा मिलने की खबर आग की तरह फैल गई और समाज के लोग तुरंत मूर्ति को कोपिन स्थित महादेव मंदिर में ले आए। सुबह से ही सैकड़ों श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए कोपिन मंदिर पहुंचने लगे। बताया जा रहा है कि यह प्रतिमा सैकड़ों वर्ष पुरानी है और इसकी ऐतिहासिक महत्ता पर चर्चा हो रही है।
पुजारी का बयान और विद्वानों की मांग
सीतामढ़ी मंदिर के पुजारी सीताराम पाठक ने कहा कि यह प्रतिमा संभवतः सैकड़ों वर्ष पुरानी है। उन्होंने सुझाव दिया कि मूर्ति के परीक्षण और इसके ऐतिहासिक महत्व को जानने के लिए बाहरी विद्वानों को बुलाया जाना चाहिए। पुजारी ने यह भी बताया कि 1980-81 में सीतामढ़ी मंदिर से लक्ष्मी जी की मूर्ति चोरी हुई थी, लेकिन यह प्रतिमा वह नहीं है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
प्रतिमा मिलने से आसपास के लोगों में उत्साह और श्रद्धा का माहौल है। कई लोगों का मानना है कि कलियुग में भी भगवान किसी न किसी रूप में प्रकट होते रहते हैं, जबकि कुछ अंधविश्वासी लोग अब भी भगवान को नहीं मानते।
यह प्राचीन प्रतिमा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। स्थानीय लोगों और विद्वानों की राय है कि इस प्रतिमा की पूरी जांच की जानी चाहिए ताकि इसके इतिहास और महत्व का पता चल सके। इस खोज ने कोपिन और आसपास के क्षेत्रों में एक नई उमंग और उत्साह भर दिया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इस प्रतिमा के बारे में और क्या जानकारी सामने आती है।