[Team Insider]: शुक्रवार 14 जनवरी को पटना के गांधी मैदान स्थित कालीदास रंगालय में स्वर्गीय अनिल कुमार मुखर्जी की 106वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर नाट्यकला मंच के दो कलाकारों एक महिला और एक पुरूष कलाकार को स्वर्गीय अनिल कुमार मुखर्जी शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया। इस साल यह सम्मान ज्योतिर्मयी श्रीवास्तव और कुमार उदय सिंह को दिया गया। दोनों को प्रशस्ती पत्र और प्रोत्साहन राशि भी दी गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी मौजूद रहें।
नाट्य कला में बेहतर कार्य के लिए सम्मान
बिहार आर्ट थियेटर के महासचिव अभिषेक रंजन ने कहा कि ज्योतिर्मयी श्रीवास्तव दशकों तक पटना के मंच पर अपना बेहतर कार्य किया है। गणतंत्र दिवस के समारोह में देश में बिहार का प्रतिनिधित्व किया है। वहीं कुमार उदय सिंह जी ने बिहार की नाट्य संस्कृति और लौंडानाच जैसे फोल्क कला को जिवंत रखा है। उदय जी ने अपने नाटकों से समाज को कई तरह के संदेश दिया है। इन दोनों महान कला विभूतियों को यह सम्मान देकर कालीदास रंगालय व बिहार आर्ट थियेटर गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
स्वर्गीय अनिल मुखर्जी जी की जयंती के अवसर पर हर वर्ष दिया जाता है शिखर सम्मान
इस सम्मान समारोह के दौरान मंच पर एवं सभागार में संस्था के अध्यक्ष श्री आरएन दास जी, बिहार आर्ट थिएटर के आयोजन समिति के अध्यक्ष सह उपाध्यक्ष डॉ निहोरा प्रसाद यादव, दीपांकर मुखर्जी जी, सुष्मिता मुखर्जी, अरुण कुमार सिन्हा, कार्यक्रम के संयोजक गुप्तेश्वर कुमार, उज्ज्वला गांगुली, सुमन सौरव, नंदलाल सिंह जी समेत कई लोग उपस्थित रहें। बता दें कि हर वर्ष स्वर्गीय अनिल मुखर्जी जी की जयंती के अवसर पर यह शिखर सम्मान दिया जाता है। यह शिखर सम्मान वैसे नाट्य कलाकारों को दिया जाता है, जिन्होंने कई सालों तक अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा नाट्य और लोक कला और संस्कृति के क्षेत्र में दिया हो। या फिर वैसे कालाकार जिन्होंने मृत होते लोक कलाओं और नाट्य को जीवंत बनाए रखने में अपना अहम योगदान दिया है। यह 31वां शिखर सम्मान समरोह आयोजित की गई।
कोरोना की वजह से चमकधमक के साथ नहीं हो सका आयोजन
स्वर्गीय अनिल कुमार मुखर्जी जी कालीदास रंगालय के संस्थापक रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन को बिहार में कला और रंगमंच को नए आयाम तक पहुंचाने के लिए खपा दिया। महासचिव अभिषेक रंजन ने बताया कि कालीदास रंगालय को लेकर उन्होंने जो सपना देखा है, संस्था उसे पूरा करने की लगातार कोशिश कर रही है। इस बार कोरोना के कारण समारोह का आयोजन भव्यता के साथ नहीं किया गया। सीमित स्तर पर ही कार्यक्रम आयोजित की गई। कई बाहर के राज्यों से कलाकारों की टीमें आने वाली थी लेकिन वो नहीं आ सके।
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