शराबबंदी कर समाज का भला करने का दावा करने वाले नीतीश कुमार अब अकेले ही दिख रहे हैं। शराबबंदी के खिलाफ खुलकर तो कोई कुछ नहीं कह रहा, लेकिन उनके साथ लंबा वक्त बिता चुके लोग नीतीश कुमार को खुलेआम कोस रहे हैं। 2015 में नीतीश कुमार के रणनीतिकार रहे और बाद में जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने प्रशांत किशोर साफ कह रहे हैं कि नीतीश कुमार बदल चुके हैं। ये वो नीतीश कुमार नहीं हैं, जिनकी उन्होंने मदद की थी। नीतीश कुमार की मदद करने पर प्रशांत किशोर अफसोस जता रहे हैं।
“जो पिएगा वो मरेगा तो क्या जो पलटी मारेगा वो सरकार चलाएगा?”
नीतीश को बताया अहंकारी
सारण में हुए शराबकांड के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार का इस पूरे मामले में रवैया मानवता के नाम पर धब्बा है। वे कहते हैं कि जो पिएगा वो मरेगा। यह संवेदनहीन बात है और उन्हें बिल्कुल ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए थी। लेकिन सच्चाई ये है कि उम्र के पड़ाव पर नीतीश कुमार झुंझला गए हैं। सामाजिक और राजनीतिक तौर पर अकेले पड़ गए हैं। अफसोस है कि मैंने 2015 में नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री बनने में मदद की। साथ ही प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार अहंकारी हो गए हैं।
शराब बंद कर चौतरफा लूट रही सरकार
प्रशांत किशोर ने न सिर्फ नीतीश कुमार के बयान पर टिप्पणी की। बल्कि शराबबंदी को भी पूरी तरह विफल बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में कोई शराबबंदी लागू नहीं है। जिसको पीना है पी रहा है। लोगों को चौतरफा नुकसान हो रहा है। जनता को लूटा जा रहा है। 20 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है। ये पैसा शराब माफिया, भ्रष्ट अधिकारी लूट रहे हैं। इसके अलावा डीजल पर 9 रुपए और पेट्रोल पर 13 रुपए टैक्स लगा कर सरकार बिहार की जनता को लूट रही है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार रेल मंत्री थे तो रेल दुर्घटना होने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बिना मांगे ही इस्तीफा दे दिया था। लेकिन नीतीश कुमार अब असंवेदनशील और अहंकारी हो गए हैं। कोरोनों में लाखों लोगों के दर्द से नीतीश कुमार विचलित नहीं हुए। अब शराब के कारण लोगों की मौत पर भी हंस रहे हैं। नीतीश कुमार का नाश निश्चित है।