भूमिहार जाति पर टिप्पणी करके जदयू नेता सह बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी को अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशी का विरोध करने वालों को नसीहत देते हुए अशोक चौधरी ने जहानाबाद में बयान दिया था। जिसे लेकर अब राजनीति गरमा गयी है. इसके बाद अशोक चौधरी ने अपने बयान से यू टर्न ले लिया है।
जहानाबाद में भूमिहारों पर दिए गए भाषण पर अशोक चौधरी ने कहा कि कुछ लोग पार्टी में रहकर पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। पार्टी को जात के नाम पर बांट रहे हैं। बिना नाम लिए अशोक चौधरी ने जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार पर निशाना साधा है। हमने किसी जाति विशेष को ठेस नहीं पहुंचाया। जनता दल यूनाइटेड में रहते हुए कुछ लोगों ने 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी का साथ नहीं दिया।
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उन्होंने कहा कि मेरे पूरे बयान को देखिए मैंने कहीं भी किसी जाति पर कुछ गलत नहीं कहा। जब चुनाव हो रहे थे तो लोगों ने ललन सिंह को मुंगेर में भूमिहार बना दिया। चंदेश्वर चंद्रवंशी को अति पिछड़ा बना दिया। मंडल कमीशन के वक्त से समता पार्टी तक ललन सिंह नीतीश कुमार के साथ अति पिछला और पिछड़ा के लिए लड़ते रहे। लेकिन चुनाव में पिछड़ा और अतिपिछड़ा के लोगों ने अशोक महतो को वोट दे दिया। हमने जाति विशेष नहीं बल्कि उस भावना के खिलाफ बोला है।
कुछ लोग शंकराचार्य हो गए हैं
सामान्य लोग ऐसी बात करें तो ठीक लेकिन जो लोग पार्टी में हैं वह क्यों नहीं चुनाव में अपनी ताकत पार्टी के लिए लगाई। मैं संगठन का आदमी हूं। छात्र राजनीति से मैं आया हूं।NSUIका अध्यक्ष रहा हूं। मैं मानता हूं कि जब तक पार्टी सिंबल किसी व्यक्ति को नहीं मिलता वह व्यक्ति जात का होता है। सिंबल मिलने के बाद वह व्यक्ति पार्टी का होता है। मेरे बोलने का भाव था पार्टी को जात में मत बाटिये लेकिन कुछ लोग शंकराचार्य हो गए हैं।
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अपने दामाद को घोसी सीट से चुनाव लड़ाने पर अशोक चौधरी ने कहा कि क्या मेरा दामाद सायण कुणाल कमला हैरिस और पुतिन हो गए हैं। हम जहां भी जाते हैं वहां यही चर्चा होती है कि दामाद के लिए सीट चाहते हैं। मेरा दामाद लॉ करके लॉ फर्म चला रहा है। मेरे कंधे पर बैठकर मेरे दामाद का शिकार मत कीजिए। अशोक चौधरी ने कहा कि हम भूमिहार को इसलिए अच्छे से जानते हैं क्योंकि मेरे पिताजी को भूमिहार शिक्षकों ने पढ़ाया है। मेरी बेटी की शादी भूमिहार के यहां हुई है। किशोर कुणाल से कोई बड़ा भूमिहार है क्या।