छठ गीतों को समर्पित लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन भी छठ के पहले दिन हुआ। उनके निधन से पूरा देश स्तब्ध और दुखी है। सभी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे और उनके गीतों को स्मरण कर रहे हैं। अभी छठ महापर्व चल रहा है तो हर तरफ उनके ही गीत गूंज रहे हैं। इस बीच मन में एक सवाल आ रहा है कि उन्हें छठ गीतों की प्रेरणा कहां से मिली। इस सवाल का जवाब दिया है पूर्व केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने।
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लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने अपनी गहरी शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं। उन्होंने शारदा जी की लोक संगीत में गहरी रुचि और उनकी छठ पर्व से जुड़ी प्रेरणाओं का स्मरण किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैसे छठ के अवसर पर गंगा घाट पर जाने के बाद शारदा सिन्हा को लोक गीतों से जुड़ने की प्रेरणा मिली। वहीं से उनकी इस अनुपम यात्रा की शुरुआत हुई थी।
एक कार्यक्रम के दौरान शारदा जी के पति और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उनकी बातों को साझा करते हुए चौबे ने कहा कि उनकी स्मृतियों को हम सभी सहेज कर रखेंगे। चौबे ने बताया कि शारदा जी का गहरा जुड़ाव छठ पर्व से था। उन्होंने याद किया कि कैसे शारदा जी बक्सर में अपने माता-पिता के साथ रहते हुए छठ पर्व पर रामरेखा गंगा घाट जाया करती थीं, और वहां के दृश्य देखकर लोकगीत गाने की प्रेरणा पाई।
उनके पति ने भी बताया कि छठ के पर्व और बक्सर के माहौल ने शारदा जी को लोकगीतों के प्रति आकर्षित किया और तभी से उनके अंदर लोकसंस्कृति के प्रति अनुराग जाग उठा था। अश्विनी चौबे ने कहा कि 7 नवंबर से 15 नवंबर तक चलने वाले सनातन संस्कृति समागम में शारदा सिन्हा की याद को सहेजते हुए उनके गीतों और उनके योगदान को श्रद्धांजलि दी जाएगी।