बिहार सरकार द्वारा ईनाम घोषणा के 48 घंटे के अंदर औरंगाबाद पुलिस ने एक लाख के इनामी नक्सली एरिया कमांडर को सलाखों में धकेल दिया है। गिरफ्तार एरिया कमांडर बिहारी रवानी उर्फ श्याम बिहारी चंद्रवंशी गोह थाना के जुझारपुर गांव का निवासी है। पुलिस ने उसे रफीगंज थाना क्षेत्र में चंदौल गांव के पास से गिरफ्तार किया है। उस पर बिहार-झारखंड के विभिन्न थानों में कुल 17 मामले दर्ज है।
पुलिस अधीक्षक स्वपना गौतम मेश्राम ने बताया कि पिछले माह 04 जून की रात को करीब 01:00 बजे बिहारी रवानी ने ने 9 नक्सलियों के हथियारबंद दस्तें के साथ रफीगंज थाना क्षेत्र के पोगर स्थित एक ईंट भट्ठे पर लेवी की मांग को लेकर हमला बोला था। इस दौरान भट्ठा मालिक के पुत्र, कर्मियों एवं जेसीबी चालक की लाठी-डंडे से बेरहमी से पिटाई की थी और जेसीबी को फूंक दिया था। जाते-जाते धमकी दी थी कि पांच वर्षों से संगठन को लेवी नहीं पहुंचाया है। शीघ्र लेवी पहुंचा दो नही तो सभी को जान से मार देंगे।
इस मामले में ईंट भट्ठा मालिक की शिकायत पर रफीगंज थाना में भादंवि की धारा धारा-341, 323, 386, 387, 435, 504, 506/34 एवं 13, 16, 17, 18 राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के तहत प्राथमिकी संख्या-216/24 दर्ज किया गया था। मामले में कुल 07 को नामजद एवं 02 अज्ञात नक्सलियों को आरोपी बनाया गया था। इसे लेकर उन्होंने औरंगाबाद सदर के अनुमंडल पुलिस पुदाधिकारी-2, के नेतृत्व में रफीगंज थानाध्यक्ष सहित पुलिस पदाधिकारियों, पुलिसकर्मियों एवं एसटीएफ के साथ एक एसआईटी टीम गठित की थी।
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गठित टीम वारदात को अंजाम देने वाले नक्सलियों के पीछे हाथ धोकर पड़ी थी और पुलिस से बचनें के लिए वें लगातार ठिकाना बदल रहे थे। 13 जुलाई को सरकार ने घोषित किया था एक लाख का ईनाम-इसी बीच 13 जुलाई को राज्य सरकार के गृह विभाग के संकल्प के तहत औरंगाबाद के तीन मोस्ट वांटेड कुख्यात नक्सलियों के खिलाफ एक-एक लाख का ईनाम घोषित किया गया।
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गिरफ्तार एरिया कमांडर ने पुलिस के समक्ष सहयोगियों के साथ मिलकर पोगर में ईंट भट्ठा पर जेसीबी फूंकने समेत अन्य मामलों में संलिप्तता स्वीकार की है। साथ ही उसने संगठन में सक्रिय अपने साथियों के भी नाम बताएं है। बिहारी नक्सली संगठन के लिए लंबे समय से काम कर रहा था और संगठन में उसे गोह के एरिया कमांडर की जिम्मेंवारी थी। वह संगठन के लिए फंड की व्यवस्था करने, अपने क्षेत्र में स्थित ईंट भट्ठों, सड़क निर्माण कंपनी एवं अन्य निर्माण कंपनियों से लेवी वसूली करता था।