बिहार विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान जेडीयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने केके पाठक के शिक्षा विभाग (Bihar Education) का एसीएस रहते स्कूल बैग और अन्य सामानों की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि केके पाठक के एसीएस रहते शिक्षा विभाग में भारी वित्तीय अनियमितता हुई है। जांच लिए उन्होंने हाई लेवल कमेटी बनाने की मांग सरकार से की थी। जिसपर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने जांच कराने की बात कही थी।
अब इस मामले में एक्शन की तैयारी शुरू कर दी गई है। कई जिलों में कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। सभी जिलों के डीएम को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। शिक्षा विभाग के एसीएस एस. सिद्धार्थ ने कहा है कि है कि वित्तीय हेराफेरी को लेकर कंपनी के सीएमडी के खिलाफ एक्शन होगा। एसीएस ने कंपनी के सीएमडी के खिलाफ केस दर्ज कराने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि सप्लायर के खिलाफ कोई एक्शन नहीं होगा। इससे जुड़ी शिकायतों को दर्ज करने के लिए शिक्षा विभाग कॉल सेंटर बनाएगा, जहां इससे जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई जा सकती है। दर्ज शिकायतों पर शिक्षा विभाग तुरंत एक्शन लेगा। बता दें कि राज्य के 534 ब्लॉक में एफएलएम कीट का नमूना भेजा गया था।
दरअसल, मानसून सत्र के दौरान विधान परिषद में जेडीयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने शिक्षा विभाग में वित्तीय अनियमितता का मामला उठाया था। उन्होंने दावा किया कि स्कूलों में बेंच डेस्क, बैग और थाली की खरीद में घोटाला किया गया है।उन्होंने सदन में बैग दिखाकर दावा का कि 120 रुपए के बैग को 1200 रुपए में खरीदा गया है। 30 रुपए की थाली का दाम 70 रुपए बताया गया है। उन्होंने दावा किया था कि ऐसे कई तरह के घोटाले शिक्षा विभाग में हुए हैं।