मॉब लिंचिंग का नया मामला छपरा से सामने आया है। बीते 3 फरवरी को सारण जिले में तीन युवक मॉब लिंचिंग का शिकार हुए थे। उस दिन के बाद से शहर की स्थिति तनावपूर्ण हो गई। ऐतियात बरतते हुए प्रशासन ने सारण में सोशल नेटवर्किंग साईट पर पहले दो दिनों के लिए बैन लगा दिया था। वही अब इस रोक को आगे बढ़ाते हुए सारण जिले में मांझी प्रखंड के मुबारकपुर गांव में अब सभी सोशल साइट पर 10 फरवरी तक रोक लगा दी गई है। हालाँकि इस फैसले के बाद स्टूडेंट्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पर सकता है।
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इन सोशल नेटवर्किंग साईट पर लगा बैन
- Qzone
- Tublr
- Google+
- Baidu
- Skype
- Viber
- Line
- Snapchat
- Telegram
- Snaptish
- YouTube
- Vine
- Xanga
- Buaanet
- Flikr
- other social networking sites meant for maas messaging
जिला प्रशासन का आदेश
वहीं, इसको लेकर जिला प्रशासन का कहना है कि, इलाके में सांप्रदायिक व सामाजिक सौहार्द बनाये रखने के लिए यह पहल की गयी है। पहले यह रोक आठ फरवरी तक ही थी। लेकिन अब डीएम-एसपी से उपलब्ध कराए गए इनपुट के अनुसार कुछ असामाजिक तत्व आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के लिए इंटरनेट माध्यम का उपयोग कर रहे हैं। इसी कारण अब यह रोक दो दिन और बढ़ा दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने पत्र जारी कर कहा है कि सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव के हित में बिहार सरकार, भारतीय टेलीग्राफ की धारा 5 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया है। वहीं गृह विभाग ने डीएम और एसपी से जानकारी ली और हर हाल में उपद्रवी तत्वों की पहचान कर विधि व्यवस्था को बनाए रखने पर बल दिया है।
सोशल साइट्स पर भी लगा था बैन
गौरतलब है कि सारण के मांझी थाना क्षेत्र स्थित मुबारकपुर गांव में तीन युवकों की पिटाई की गयी थी।पिटाई के दौरान एक की मौत हो गई थी। इस घटना से गुस्साएं लोगों ने बीते रविवार को जमकर हंगामा मचाया और आगजनी की। इस दौरान कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। मुखिया के घर पर भी आगजनी की गयी थी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही थी। जिसे देखते हुए सरकार ने सोशल साइट्स को 8 फरवरी तक बंद कर दिया। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
ये है पूरी घटना
मॉब लिंचिंग का शिकार बने युवक भी मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव निवासी ही हैं। जिनमें मृतक की पहचान जयप्रकाश सिंह के पुत्र अमितेश कुमार सिंह एवं उदय नारायण सिंह के 25 वर्षीय पुत्र आलोक कुमार सिंह उर्फ विक्की है के रूप में की गई है। वही जिंदगी और मौत से जूझ रहे युवक की पहचान संजय सिंह के 22 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार सिंह के रूप में हुई है। इन तीनों का कोई आपराधिक इतिहास ज्ञात नहीं है।
बता दें कि मांझी थाना क्षेत्र के मुबारक गांव निवासी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव के द्वारा यह बात फैलाई गई कि उनके ऊपर मॉब लिंचिंग के शिकार तीनों युवक हत्या की नीयत से फायरिंग कर रहे थे और उनके द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर तीनों को पकड़कर अपने मुर्गी फार्म बंद किया गया था। जहां तीनों युवक मॉब लिंचिंग का शिकार हुए। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि जिस जगह पर मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव का दावा कर रहे हैं, वहां से एक भी हथियार बरामद नहीं की गई है। जिस कारण मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव संदेह के दायरे में हैं।
सारण मॉब लिंचिंग मामले की जांच SIT की टीम कर रही है। इसे लेकर एसआईटी लगातार छापेमारी कर रही है। बीते दिन बुधवार को टीम ने कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। अब तक इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। वहीं सोशल मीडिया पर उन्माद फैलाने के जुर्म में 3 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मांझी थाना में दो आरोपियों के खिलाफ कांड संख्या 38/23 के तहत हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। दोनों सारण के मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर के ही रहने वाले हैं।