बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए मिशन दक्ष कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत कक्षा 3 से 8वीं तक के उन छात्रों की पहचान की जाएगी, जिन्हें हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषयों में बुनियादी ज्ञान और कौशल में कमी है।
हर शिक्षक को 5 से 7 बच्चों को सौंपा जाएगा ताकि वे उन पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दे सकें। मिशन दक्ष कार्यक्रम के तहत चिन्हित किए गए बच्चों की कमजोरियों को दूर करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्हें रोजाना अनिवार्य रूप से गृह कार्य दिया जाएगा और उनकी गृह कार्य की जांच शिक्षक प्रतिदिन लाल स्याही से करेंगे।
गौरतलब है कि वर्ष 2023-24 में भी मिशन दक्ष कार्यक्रम चलाया गया था। उस दौरान राज्य में लगभग 35 लाख 88 हजार बच्चों की पहचान की गई थी, जिनमें बुनियादी शिक्षा में कमी थी। कक्षा 8वीं और 5वीं के लिए नियमित तौर पर आरटीई (Right To Education) के तहत परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। वहीं, शेष कक्षाओं के लिए मिशन दक्ष की विशेष परीक्षाएं ली गईं थीं। 28 मई को आयोजित हुई विशेष दक्ष परीक्षाओं में कुल 24 लाख बच्चों में से 22 लाख शामिल हुए थे, जिनमें से 68% बच्चे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए थे।