पटना : बिहार के भूमि एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि बेतिया महाराज की संपत्ति अब बिहार सरकार के अधीन होगी। बिहार विधानमंडल शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भूमि राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने सदन में बिल पेश किया, जिसे सदन की मंजूरी मिल गई है। इसके बाद राजस्व भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि बेतिया महाराज की जमीन को अंग्रेजों के समय में ही आजादी से पहले अंग्रेजों के द्वारा ही कोर्ट ऑफ वार्ड्स को समर्पित किया गया था। क्योंकि अंतिम रानी के बाद कोई बच्चा नहीं हुआ था। जिसके परिणामस्वरूप जमीन की संपत्ति का अधिकार बिहार सरकार ने अपने अंदर निहित किया था, लेकिन इसके लिए कानून बनाना लंबित था। बहुत लोग अतिक्रमण किए हुए थे। ज़मीन माफिया की नजर थी। लोग अतिक्रमण करके उसे ज़मीन का उपयोग कर रहे थे। ऐसी परिस्थिति में सरकार को कानून बनाना पड़ा।
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अब इस कानून बनने के बाद करीब 15,200 एकड़ जमीन अब बिहार सरकार में निहित होगी और इसका मालिकाना हक बिहार सरकार को होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर राज्य में विकास की योजनाओं से जुड़े हुए कार्य करेगी। स्कूल कॉलेज हॉस्पिटल व्यवस्थाएं बनाई जाएगी। 15000 एकड़ संपत्ति को अधिग्रहण किया है सरकार ने। 100 से 150 एकड़ पर लोगों का दावा 60 दिनों के लिए स्वीकार होगा। 7 दिनों के बाद अगर इन्होंने दावा नहीं किया तो वह भी सरकार की संपत्ति हो जाएगी। उन्होंने बताया कि भूमिहीनों को बसाने के लिए भी बेतिया राज की संपत्ति पर सरकार आगे काम करेगी। अधिग्रहण किए हुए जमीन के कुछ हिस्सों पर भूमिहीनों को भी बसाया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि अगर किसी कोर्ट में भी इस जमीन का केस चल रहा है, इस कानून को बनने के बाद वो केस भी समाप्त माना जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो हमें 15,200 एकड़ के आसपास जमीन उपलब्ध होगी, उस पर हम सरकारी संस्थान, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल एवं खेल के मैदान बनाएंगे। यानी जनता के उपयोग में लाने का काम करेंगे। उत्तर प्रदेश में जो 143 एकड़ जमीन है, उसको भी इस कानून के तहत हमने बिहार सरकार को मालिकाना हक दे दिया है। वहां की सरकार से इस कानून के बनने के बाद संबंध स्थापित किया जाएगा। इस मामले को अच्छे तरीके से सुलझाने का काम करेंगे।