बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बेतिया राज की 15000 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने वाले बिल को सदन में रखा गया। ध्वनि मत से ये बिल पास हो गया है। अब ये जमीन सरकार की हो गई है। अब इस जमीन पर सरकारी संस्थान का निर्माण होगा। यहां हॉस्पिटल, स्कूल, कॉलेज बनेंगे। फिलहाल राज्य सरकार बेतिया राज की संपत्ति की देखरेख करती है। एडीएम रैंक के अधिकारी मैनेजर के तौर पर नियुक्त किए जाते हैं। जानकारी के मुताबिक, बेतिया राज की जमीन बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी के अलावा उत्तरप्रदेश में भी है। विधानसभा की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
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दरअसल, बेतिया राज की यूपी और बिहार में 15, 358 एकड़ 60 डेसिमल 133 वर्ग कड़ी जमीन है जो कि बिहार में पटना, छपरा, सीवान, गोपालगंज और मोतिहारी में तो वहीं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज, बनारस, प्रयागराज, कुशीनगर और मिर्जापुर में है। यहां यह बता दें कि बेतिया राज की उत्तर प्रदेश की लगभग 100% जमीनों पर अवैध कब्जा हो चुका है।
गौरतलब कि अभी भी बिहार सरकार ने एडीएम रैंक के अधिकारी को इन संपत्तियों की देखरेख के लिए मैनेजर नियुक्त किया जाता है। अब इसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल की ओर से बेतिया राज की संपत्तियों को लेकर एक बिल सदन में रखा गया। ध्वनि मत से ये बिल पास हो गया है।
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बता दें कि वर्तमान में बेतिया राज की काफी जमीन पर अवैध कब्जा है। राजस्व पर्षद के अध्यक्ष और सख्त आईएएस अधिकारी केके पाठक ने बेतिया राज की जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए पांच अधिकारियों की नियुक्ति की है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, बेतिया राज की 60 प्रतिशत से अधिक जमीन पर अवैध कब्जा है।