बिहार सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री और लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव अपने अटपटे बयान को लेकर खबरों में बने रहते हैं। उनके समर्थक उनमें लालू यादव की छवि देखते हैं। मंचों से भी तेज प्रताप यादव अपने पिता के अंदाज में भाषण देते नजर आते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने कुछ ऐसा कहा दिया है जिससे उनकी सविधान को लेकर ज्ञान पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। दरअसल तेजप्रताप यादव भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर ये बयान दिया है।
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8 वीं अनुसूची में नहीं, पहले पर रहे भोजपुरी- तेजप्रताप यादव
भारतीय संविधान में कुल 12 अनुसूचियां हैं। जिसमें से 8वीं अनुसूची भाषाओँ के लिए हैं। इस अनुसूची में कुल 22 भाषाओं को रखा गया है। पर भोजपुरी भाषा को भारत की 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। बहुत समय से भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जा रही है। ऐसे लेकर जब तेजप्रताप यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने अटपटा सा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आठवी अनुसूची में क्या.. भोजपुरी को पहले नंबर पर रखना चाहिए। दरसल उनके खाने का मतलब था कि आठवी की जगह पहली अनुसूची में भोजपुरी को रखना चाहिए। जबकि ऐसा संभव नहीं है क्योकिं भाषाओँ के लिए संविधान में आठवीं अनुसूची ही बनाई गई है।
ये भाषाएँ 8 वीं अनुसूची में है शामिल
- असमिया
- उड़िया
- उर्दू
- कन्नड़
- कश्मीरी
- कोंकणी
- गुजराती
- डोगरी
- तमिल
- तेलुगू
- नेपाली
- पंजाबी
- बांग्ला
- बोड़ो
- मणिपुरी
- मराठी
- मलयालम
- मैथिली
- संथाली
- संस्कृत
- सिंधी
- हिंदी