बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों में व्याप्त अनियमितताओं पर कड़ी कार्रवाई करते हुए बड़ा फैसला लिया है। विभाग ने कटिहार जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) सहित तीन बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों (सीडीपीओ) को निलंबित कर दिया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों कटिहार जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया गया था। इस निरीक्षण में कई तरह की अनियमितताएं पाई गईं। इन अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
कौन-कौन हुए निलंबित?
निलंबित अधिकारियों में कटिहार जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी किसलय शर्मा के अलावा कदवा प्रखंड की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी शबनम शीला गुड़िया, फलका प्रखंड की पमेला टूड्डू और मनिहारी व मानसही प्रखंड की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी संगीता मिंकी शामिल हैं।
क्या थीं अनियमितताएं?
हालांकि विभाग द्वारा अभी तक इन अनियमितताओं का विस्तृत विवरण जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार वितरण, बच्चों की देखभाल और अन्य गतिविधियों में कई तरह की गड़बड़ियां पाई गईं थीं।
अन्य जिलों में भी होगी जांच:
समाज कल्याण विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि कटिहार जिले के बाद राज्य के अन्य जिलों में भी आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच की जाएगी। इस जांच में अगर कहीं भी कोई अनियमितता पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का सख्त रुख:
राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में चल रही अनियमितताओं पर शून्य सहनशीलता का रुख अपनाया है। सरकार का मानना है कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और यहां किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।