बिहार में एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में लापरवाही की खबर सामने आई है। घटना जमुई की है, जहां परीक्षा के एक सप्ताह पहले ही इंटर का प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र पर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि प्रश्न पत्र कोषागार केंद्र पहुंचने की जगह परीक्षा केंद्र पर ही पहुंच गयी। यह लापरवाही विभाग के गलती के कारण हुई है।
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जिला प्रशासन की तैयारियों की खुली पोल
इंटर परीक्षा से एक सप्ताह पहले जिला प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल गई है। बताया जाता है कि इंटर परीक्षा में अभी एक सप्ताह बाकी है।इसको लेकर जिला प्रशासन लगातार दावे कर रही है कि तैयारियां पूरी कर ली गई है। लेकिन जिला प्रशासन की तैयारियों का पोल सोमवार की देर शाम को ही खुल गया। जब परीक्षा से एक सप्ताह पहले ही इंटर परीक्षा का प्रश्न पत्र कोषागार केंद्र पहुंचने की जगह जिले के 25 केंद्रों पर विभाग की गलती के कारण पहुंच गया। इस वारदात के बाद प्रशासन के बीच अफरा- तफरी का महौल बन गया।
परीक्षा के एक सप्ताह पहले ही पहुंचा प्रश्न पत्र
कचहरी चौक स्थित प्लस टू हाई स्कूल में प्रश्न पत्र परीक्षा से 1 सप्ताह पहले पहुंचने की खबर मीडिया को गुप्त सूचना के आधार पर मिली तब इसकी पड़ताल की गई। जब टीम वहां पहुंची तो वहां मौजूद विद्यालय प्रबंधकों ने पहले तो प्रश्नपत्र को इंटर की कॉपी बताकर टालते रहें। लेकिन देर रात तक जब सख्ती से पूछताछ की गई तो सारा मामला सामने आ गया। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी की लापरवाही के कारण जिले के 25 केंद्रों पर इंटर परीक्षा से 1 सप्ताह पहले ही प्रश्नपत्र पहुंच गया।
1 फरवरी से होनी है इंटर की परीक्षा
बता दें कि 1 फरवरी से इंटर की परीक्षा की शुरुआत होनी है। लगातार जिला प्रशासन इसके पुख्ता तैयारियां करने का दावा कर रही है। लेकिन कोषागार की जगह जिले के 25 परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र पहुंचने पर इसके लीक होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि मीडिया के पहुंचने पर जिला प्रशासन हरकत में आई और शिक्षा विभाग के पदाधिकारी पहुंचे।
डीएम को दी गई जानकारी
बाता दें कि शिक्षा पदाधिकारीयों ने पहले तो पत्रकारों को बातों में उलझा कर उसे विभागीय कागजात बताने की कोशिश की। लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो मीडिया का कैमरा देख कई शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भागते नजर आए। इस लापरवाही की जानकारी डीएम को भी लगी। हालांकि फिलहाल कोई भी पदाधिकारी इसको लेकर बोलना मुनासिब नहीं समझ रहे है। क्योंकि एक बड़ी लापरवाही जिला शिक्षा विभाग की ओर से की गई है। हालांकि डीएम अवनीश कुमार सिंह ने पूरे मामले की जांच कर लापरवाही करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।