बिहार सरकार में कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने विभाग में भ्रष्टाचार के मुद्दे को सार्वजनिक तौर पर उठाकर पहले ही सीएम नीतीश कुमार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। यहीं नहीं उन्हें सार्वजनिक बयानबाजी से नीतीश कुमार ने जब रोकने का प्रयास किया तो सुधाकर सिंह ने कैबिनेट की मीटिंग बीच में छोड़ दी। इधर पूर्व मुख्यमंत्री और सत्ता में सहयोगी जीतन राम मांझी ने भी सुधाकर सिंह का खुला समर्थन किया है। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार सरकार के करप्शन के मुद्दे पर घिरते जा रहे हैं।
“80 फीसदी तक मची है लूट”
मंत्री सुधाकर सिंह के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी बिहार में करप्शन के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने सुधाकर सिंह की बात का समर्थन करते हुए कहा कि मनरेगा में 10 प्रतिशत काम होता है, 80 प्रतिशत लूट है। सुधाकर सिंह ने जो अपनी भावना व्यक्त की है, वो सही है। बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार को इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
सुधाकर ने कहा, विभाग में सब चोर
दरअसल, मंत्री सुधाकर सिंह ने पहले अपने ही विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर खुल कर बोला। बोलते बोलते सुधाकर यहां तक बोल गए कि उनके विभाग में सभी अधिकारी चोर हैं और वे चोरों के सरदार हैं। अपनी ही सरकार पर मंत्री की ऐसी टिप्पणी से नीतीश सरकार की किरकिरी हुई। पहले लगा कि सुधाकर सिंह अपने बयान से पलट जाएंगे या गोलमोल जवाब दे देंगे। लेकिन सुधाकर सिंह ने तो मंगलवार को साफ साफ कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं।