दुनिया भर में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ता जा रहा है। जिसे लेकर WHO पहले ही ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है। भारत में भी अब तक मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आ चुके हैं। केंद्र की तरफ से पहले ही इसको लेकर गाइडलाइन जारी किया गया था। अब बिहार के चिकित्सा कर्मियों के लिए भी गाइडलाइन जारी कर दिया गया है।
मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन
हालांकि अभी तक बिहार में मंकीपॉक्स के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं। पर बिहार स्वास्थ्य विभाग अभी से तैयारियों में लग गया है। गाइडलाइन के अनुसार सभी चिकित्सकों को ये निर्देशित किया गया है कि वो आशा और एएनएम को मंकीपॉक्स बीमारी के बारे में जानकारी दें। साथ ही यदि किसी भी वक्ती में इस बीमारी के लक्षण मिले तो इसकी सूचना जितनी जल्दी हो देने कि कोशिश करें।
संक्रामक बीमारी है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। यौन संबंधो के जरिए ये संक्रमण तेजी से फैलता है। इस बीमार के शुरुआत में बुखार, सर्दी, खांसी, त्वचा पर खुजली होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। फिर धीरे-धीरे शरीर पर फोड़े उभरने लगते हैं। इस बीमारी से संक्रमित मरीज को खुद को आईसोलेट कर लेना चाहिए। ताकि संक्रमण ओरों में न फैले।