अपने बयानों के जरिए बिहार सरकार पर हमला बोलने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक बड़ी मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जल्द से जल्द शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू करने करे वरना बीजेपी सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में रहते हुए 1 लाख 15 हजार शिक्षकों की नियुक्ति बात तय हुई थी. बीते जुलाई में इसका नोटिफिकेशन भी निकला था। तब सीएम साहब के मन में छिपे पाप के कारण इसे दबा दिया गया था। लेकिन अब तो ‘मनचाहा’ हुए तीन महीने बीत चुके है। अब तो इनकी बहाली हो जानी चाहिए।
बेसुध पड़ी है सरकार
संजय जायसवाल ने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों ने सरकार की लाठियां खायी, जख्मी हुए और रस्सों में बांध कर जेल भी भेजे गये। आज इन युवाओं का जत्था गर्दनीबाग में सिर मुंडा कर अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहा, लेकिन सरकार बेसुध पड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ अभ्यर्थियों से बात-चीत में पता चला कि जब यह लोग शिक्षा मंत्री के पास जाते हैं तो मंत्री महोदय इन्हें प्रधानमन्त्री से जाकर नौकरी मांगने की सलाह देते हैं, वहीं आला अधिकारी इन्हें कोई और कोर्स करने का सुझाव देते हैं। सरकार को चेतावनी देते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि इन शिक्षक अभ्यर्थियों के सातवें चरण के नियोजन की प्रक्रिया जल्द आरंभ करवाए, नहीं तो हमें सड़कों पर निकलने में देर नहीं लगेगी।
‘क्रेडिटजीविता’ हैं नीतीश
संजय जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नियुक्ति पत्र बांटे जाने को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले राजस्व विभाग, फिर स्वास्थ्य विभाग और अब पंचायती राज विभाग की भाजपा के पूर्व मंत्रियों द्वारा सृजित नौकरियों को ठगबंधन की उपलब्धि बताकर ‘रबर स्टैंप’ सीएम साहब ने ‘क्रेडिटजीविता’ का हैट्रिक लगा दिया है। नीतीश कुमार सीना ठोक कर भाजपा के कामों को अपना बताने की उनकी इस अदा पर शर्म भी शर्मा रही होगी।