खेला होबे सुने हैं। देश की राजनीति की थोड़ी भी समझ है तो सुने ही होंगे। किसी राजनीतिक पार्टी में टूट हो जाना, उसके विधायकों या सांसदों के समर्थन से किसी और की सरकार बन जाना। सीटों की संख्या बल भले ही कम हो पर सत्ता की कुर्सी पर जमे रहना। इस तरह की राजनीतिक घटनाओं को ही खेला होबे की संज्ञा दे दी जाती है। कब, कहां खेला हो जाए ये कहां मुश्किल है। एक बात और है कि इस खेला में अगर फायदा भाजपा का हो रहा हो तो इसे ऑपरेशन लोटस का नाम दे दिया जाता है। मौजूदा राजनीतिक परिवेश पर गौर करें तो महाराष्ट्र में जिस तरह एनसीपी में टूट हुई है।
उसके बाद बिहार एक ऐसा राज्य बन गया है जहां भाजपा नेताओं की बांछे खिली हुई है। बिहार भाजपा के नेता दावे आसमान में है। उनका कहना है कि जो हाल एनसीपी का हुआ है वही जदयू का भी होगा।
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दावों के पीछे का सच
जदयू में टूट की खबर में कितनी सच्चाई है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन अगर टूट होती भी है तो जदयू के सांसदों की हो सकती है। इसकी वजह भी है, जदयू के कई ऐसे सांसद है जिनको भाजपा के साथ रहने से चुनाव में फायदा मिला था। वरना 2014 में जदयू का क्या हाल हुआ था सबको पता ही है। रोचक बात तो ये है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी तभी अपनी सीट बचा पाए जब भाजपा जदयू के साथ रही। वो चाहे 2009 हो या 2019 । 2014 में तो उन्हें भाजपा के सहयोगी दल लोजपा की प्रत्याशी ने से मात मिली थी। यही कारण है कि जदयू के 9 सांसदों को अपनी राजनीतिक भविष्य के चिंता सता रही है।
इनमें से कई ऐसे भी ही जिनको राजद के साथ आने से अपनी टिकट पर खतरा मंडराता दिख रहा है। मौजूदा बिहार की राजनीतिक घटनाक्रम को देखें तो ऐसा लगता है कि सांसदों के टूटने का डर कहीं ना कहीं नीतीश कुमार के भी हाओ-भाव में दिख रहा है । वरना अचानक से उन्हें अपने सभी विधायकों और सांसदों से मुलाकात करने की जरुरत क्यों आन पड़ी? वो भी वन टू वन।
JDU विरोधी दलों के नेताओं के दावे
- सम्राट चौधरी(BJP)- सम्राट चौधरी ने कहा कि जो हस्र एनसीपी का महाराष्ट्र में हुआ है, वही हस्र जदयू का बिहार में होगा।
- अरविंद कुमार(BJP)- अरविंद कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र वाला खेला कभी भी बिहार में हो सकता है।
- उपेंद्र कुशवाहा (RLJD) – उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि कांग्रेस और जदयू दोनों के नेता एनडीए के संपर्क में हैं।
- संतोष सुमन मांझी(HAM)- संतोष सुमन ने कहा की राजद, जेडीयू को तोड़कर के तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के पूरा प्रयत्न कर रही है, तेजस्वी यादव भी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इसके लिए वो बहुत व्याकुल हैं और परेशान हैं, 5 से 10 दिनों में यहां खेला हो जाएगा।
- चिराग पासवान(LJPR)- चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब अपने पार्टी के ही भविष्य को लेकर डर लग रहा है तभी तो 2 दिनों से लगातार अपने पार्टी के सांसद और विधायकों की परेड लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह आभास हो गया है कि उनकी पार्टी अब टूट के कगार पर पहुंच गई है।