बिहार में होने वाला कैबिनेट विस्तार फिलहाल टल गया है। पहले संभावना थी कि गुरुवार, 14 मार्च को नीतीश सरकार में कैबिनेट विस्तार होगा। लेकिन फिलहाल यह आगे टल गया है। वैसे तो मंत्रिमंडल विस्तार में देरी पहले से चर्चा का विषय बनी हुई थी। लेकिन अब कैबिनेट विस्तार की संभावित तारीख आने के बाद टलना चर्चा का विषय बना हुआ है। इस कैबिनेट विस्तार के टलने के पीछे का कारण भाजपा है जो अपने मौजूदा सहयोगी पशुपति पारस और भविष्य के संभावित सहयोगी मुकेश सहनी के साथ तालमेल नहीं बिठा सकी है। दूसरी ओर जदयू लगभग तैयार है और अपने मंत्रियों की सूची फाइनल कर भाजपा का इंतजार कर रही है।
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लोकसभा चुनाव में पारस की भूमिका पर अटका कैबिनेट विस्तार
दरअसल, पशुपति पारस अभी हाजीपुर सीट से सांसद हैं। लेकिन आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 में हाजीपुर सीट के लिए चिराग पासवान का नाम फाइनल हुआ है। इसके साथ ही पशुपति पारस को कोई सीट नहीं देने का भी निर्णय लगभग ले लिया गया है। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा के अनुसार पारस लोकसभा चुनाव में सक्रिय नहीं रहेंगे, यह भाजपा ने तय किया है। इससे नाराज पारस को मनाने के लिए कैबिनेट विस्तार को टाला गया है।
दूसरी ओर मुकेश सहनी की एनडीए में वापस एंट्री हो रही है। इसकी संभावना तो पहले से बन रही है, इस पर भी अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। संभवत: मुकेश सहनी को लोकसभा चुनाव में भी अपनी पार्टी के लिए हिस्सेदारी चाहिए जबकि भाजपा उन्हें बिहार में ही सीमित करने की कोशिश कर रही है। उन्हें वापस बिहार सरकार में मंत्री बनाने की संभावना है।
भाजपा पारस और सहनी की शर्तों पर विचार और चर्चा कर रही है, इसी बीच बिहार में कैबिनेट विस्तार फिलहाल टला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर की मुलाकात भी होनी थी, लेकिन वो भी टल गई। राज्यपाल मुजफ्फरपुर में सीनेट बैठक में शामिल होने के लिए वहां चले। इसलिए अब संभावना है कि कैबिनेट विस्तार शुक्रवार, 15 मार्च को होगा।