बिहार में भाजपा के सरकार में शामिल होने के बाद अभी तक सीएम नीतीश कुमार ने कैबिनेट विस्तार नहीं किया है। अभी भी बिहार में मुख्यमंत्री के अलावा वही 8 मंत्री हैं, जिन्होंने सरकार गठन के दिन शपथ ली थी। इन मंत्रियों के पास भी अभी कोई विभाग नहीं है। सभी विभाग तकनीकी रूप से अभी सीएम नीतीश कुमार के ही पास हैं। दूसरी ओर बिहार विधानमंडल का बजट सत्र 10 फरवरी से शुरू होने वाला है। तो ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर एनडीए सरकार कैबिनेट के विस्तार और मंत्रियों को विभाग बंटवारे में देरी क्यों कर रही है। इस चर्चा का जवाब भी चर्चाओं में ही है कि सरकार में शामिल भाजपा और जदयू के बीच अभी तक विभागों के बंटवारे पर सहमति नहीं हुई है।
गृह विभाग भाजपा के पास जाने की चर्चा
दरअसल, सीएम के रूप में नीतीश कुमार ने कभी भी गृह विभाग का जिम्मा किसी भी दूसरे मंत्री को नहीं दिया है। इस मंत्रालय को सीएम नीतीश ने न जदयू के किसी मंत्री को दिया है और न ही अपने किसी सहयोगी दल को। लेकिन इस बार चर्चा यह है कि यह विभाग भाजपा ले सकती है और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी इसकी कमान संभालेंगे। हालांकि यह अभी तक तय नहीं है और गृह विभाग किसे मिलेगा, इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी शेष है।
वित्त विभाग पर भी संशय
बिहार में नीतीश कुमार का कार्यकाल शुरू होने के बाद वित्त मंत्रालय का कार्यभार अधिकतर समय तक सहयोगी दलों के पास रहा है। शुरुआत में एनडीए की सरकार थी तो वित्त मंत्रालय का कार्यभार सुशील मोदी के पास था। उसके बाद 2013 में जब नीतीश ने भाजपा से नाता तोड़ा तो कुछ वक्त के लिए यह जिम्मेदारी जदयू के विजेंद्र प्रसाद यादव के पास गई। महागठबंधन 1 की सरकार 2015 में बनी तो यह विभाग राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी को मिला। इसके बाद 2017 में पुन: एनडीए की सरकार बनी तो वित्त मंत्री सुशील मोदी बन गए। 2020 में एनडीए की फिर सरकार बनी तो वित्त मंत्री भाजपा के तारकिशोर प्रसाद बने। लेकिन 2022 में महागठबंधन की सरकार में यह विभाग जदयू के विजय कुमार चौधरी को मिल गया। इस बार चर्चा है कि इस विभाग को भाजपा वापस लेना चाहती है।
शिक्षा मंत्रालय पर भाजपा का दावा!
2005 से नीतीश सरकार के गठन के बाद अभी तक नौ शिक्षा मंत्री बने हैं। इसमें छह शिक्षा मंत्री जदयू के रहे हैं। अशोक चौधरी कांग्रेस में रहते हुए शिक्षा मंत्री बने थे, जो अब जदयू में ही हैं। नीतीश सरकार में राजद को पहली बार 2022 में शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार दिया गया। अगस्त 2022 से महागठबंधन की सरकार रहने तक दो शिक्षा मंत्री रहे और दोनों राजद से ही थे। पहले डॉ. चंद्रशेखर थे और उसके बाद आलोक कुमार मेहता। चूंकि अब बिहार में नए सरकार का आगमन हो चुका है। लेकिन इस नई सरकार में भी जदयू के पुराने मंत्रियों के विभागों में बदलाव की कम ही संभावना है तो ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग पहली बार भाजपा को मिल सकता है। हालांकि अभी क्या होगा और किसे कौन सा विभाग मिलेगा, इसका खुलासा होना बाकि है।
भाजपा के सरकार में शामिल होने से पहले ऐसी थी नीतीश कैबिनेट
- नीतीश कुमार, जदयू : गृह, सामान्य प्रशासन, कैबिनेट सचिवालय, चुनाव, विजिलेंस
- तेजस्वी यादव, राजद : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सड़क निर्माण, आवास एवं शहरी विकास, ग्रामीण कार्य, पर्यटन
- तेजप्रताप यादव, राजद : पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन
- शमीम अहमद, राजद : कानून
- चंद्रशेखर यादव, राजद : गन्ना उद्योग
- ललित कुमार यादव, राजद : लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण राजस्व एवं भूमि सुधार
- कुमार सर्वजीत, राजद : कृषि
- अनिता देवी, राजद : बीसी एवं ईबीसी कल्याण
- सुरेंद्र प्रसाद यादव, राजद : सहकारिता
- जितेंद्र कुमार राय, राजद : कला-संस्कृति विभाग, खेल
- रामानंद यादव, राजद : खान एवं भूतत्व
- मो. शाहनवाज आलम, राजद : आपदा प्रबंधन
- मो. इस्रायल मंसूरी, राजद : आईटी
- समीर कुमार महासेठ, राजद : उद्योग विभाग
- विजय कुमार चौधरी, जदयू : वित्त, वाणिज्यकर एवं संसदीय कार्य
- विजेंद्र प्रसाद यादव, जदयू : ऊर्जा, योजना एवं विकास
- अशोक चौधरी, जदयू : भवन निर्माण
- शीला कुमारी, जदयू : परिवहन
- श्रवण कुमार, जदयू : ग्रामीण विकास
- संजय कुमार झा, जदयू : जल संसाधन एवं सूचना जनसम्पर्क
- लेशी सिंह, जदयू : खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण
- मो. जमा खान, जदयू : अल्पसंख्यक कल्याण
- जयंत राज कुशवाहा, जदयू : लघु जल संसाधन
- मदन सहनी, जदयू : समाज कल्याण
- सुनील कुमार, जदयू : मद्य निषेध एवं उत्पाद
- रत्नेश सादा, जदयू : एससी, एसटी कल्याण
- मो. आफाक आलम, कांग्रेस : पशुपालन एवं मत्स्य पालन
- मुरारी प्रसाद गौतम, कांग्रेस : पंचायती राज
- सुमित कुमार सिंह, निर्दलीय : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी