छपरा के एक मदरसे में बम ब्लास्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने आरोप लगाया कि मदरसा के माध्यम से आतंक को बढ़ावा दिया जाता है। छपरा मदरसा बम ब्लास्ट की घटना को जोड़ते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि हम तो पहले से ही कहते थे कि बिहार का मदरसा आतंक का अड्डा है। यहां बुर्का की आड़ में वोकस वोटिंग कराई जाती है। इसे धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए लेकिन इस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति से लोकतंत्र पर कुठाराघात होता है।
मदरसा को लेकर गिरिराज सिंह ने ये कहा
गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं बार-बार कह रहा हूं कि बिहार का मदरसा आतंक का अड्डा है। छपरा की घटना…वही हो रहा है। पहले भी कहा था बुर्के की आड़ में लोग बोगस वोटिंग कर रहे हैं और इसे धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। मदरसा, आज साबित हो गया। एक बार नहीं कई बार साबित हुआ है। लेकिन लालू जी और कांग्रेस जैसे लोगों को तुष्टिकरण का चश्मा लगा हुआ है इसलिए नहीं दिखाई देता है।
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‘मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश…’
वहीं, AIMIM नेता अख्तरुल ईमान ने कहा कि चुनाव में मुसलमानों और मदरसों को बदनाम करने की साजिश है। मदरसे में तो सांप को भी मारने के लिए एक लाठी तक नहीं होती है। मदरसे में बम ब्लास्ट एक गहरी साजिश का हिस्सा प्रतीत हो रहा है। जब भी अल्पसंख्यक के साथ कोई घटना होती है, तो हमारे बच्चों को ही मुजरिम बना दिया जाता है।
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छपरा के मदरसा में हुआ था बम विस्फोट
दरअसल, छपरा के गरखा के मोतीराजपुर में मदरसा में बम विस्फोट हुआ था। बताया जा रहा है कि मदरसे के पीछे से गेंद जैसा कुछ सामान रखा था, जिसे 15 साल का नूर आलम उठाकर ले गया। मौलाना को बम होने का शक हुआ तो वह उसे लेकर फेंकने की कोशिश करने लगे, इसी दौरान ब्लास्ट हो गया। इसमें मदरसा के 40 साल के मौलाना इमामुद्दीन और 15 साल के एक छात्र नूर आलम घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए गरखा CSC में भर्ती कराया गया था। फिर डॉक्टरों ने उन्हें छपरा के सदर अस्पताल में रेफर कर दिया। बाद में उन्हें पटना के PMCH में भर्ती कराया गया। अब मौलाना इमामुद्दीन के मौत की खबर आई है।