बिहार में राजनीतिक पारा चरम पर है। नीतीश कुमार आज राजद और भाजपा, दोनों के ही राजनीतिक दांवपेंच का केंद्र बन गए हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें लिखा है, “नीतीश सबके हैं।” हालांकि यह तस्वीर 2020 की है। उस समय भी यह तस्वीर खूब वायरल हुई थी।
आज जब बिहार में फिर से सियासी समीकरण बदल रहे हैं, तो यह तस्वीर एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। कुछ लोग इसे नीतीश कुमार की बदलती राजनीतिक विचारधारा का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ इसे उनकी ‘सबके साथ रहने’ की नीति का उदाहरण बता रहे हैं।
नीतीश कुमार के ‘सबके’ होने का दावा:
नीतीश कुमार हमेशा से ही ‘सबके साथ रहने’ की नीति का दावा करते रहे हैं। उन्होंने हमेशा कहा है कि वे किसी भी जाति, धर्म, या समुदाय के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि वे पूरे बिहार के विकास के लिए काम करते हैं।
वायरल तस्वीर से उठे सवाल:
हालांकि, वायरल तस्वीर से कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। क्या नीतीश कुमार सचमुच ‘सबके’ हैं? क्या वे अपनी राजनीतिक सुविधा के अनुसार गठबंधन बदलते रहते हैं? क्या वे बिहार के विकास के लिए सचमुच ईमानदारी से काम करते हैं?
बिहार की बदलती राजनीति:
बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रही है। नीतीश कुमार और राजद के बीच संबंधों में खटास पैदा हो गई है। वहीं, भाजपा नीतीश कुमार को वापस एनडीए में लाने की कोशिश कर रही है।
यह तस्वीर बिहार की बदलती राजनीति का एक प्रतीक है। यह तस्वीर नीतीश कुमार की ‘सबके’ होने का दावा भी उजागर करती है।
नीतीश कुमार ‘सबके’ हैं या नहीं, यह कहना मुश्किल है। लेकिन यह तस्वीर बिहार की बदलती राजनीति और नीतीश कुमार की राजनीतिक विचारधारा पर बहस छेड़ने के लिए जरूर पर्याप्त है।