बिहार में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफा देने से लगा है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने रविवार, 31 मार्च को इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही अनिल शर्मा का कांग्रेस के साथ 39 वर्षों का सफर समाप्त हो गया। अनिल शर्मा ने अपने इस्तीफे के पीछे पार्टी का राजद से गठबंधन बताया है। उन्होंने कहा कि “मैं राजद से गठबंधन का विरोधी हूं। कांग्रेस का राजद से गठबंधन आत्मघाती है। कांग्रेस ने राजद से गठबंधन कर अक्षम अपराध किया है।”
अनिल शर्मा ने इस्तीफा देते हुए सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी समझौता करती रही। राहुल गांधी जब अध्यादेश फाड़े तो सराहना मिली। आज वे लालू यादव के साथ मटन खा रहे हैं।” यही नहीं अनिल शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में 1999 के बाद से ही आंतरिक लोकतंत्र ख़त्म हो चुका है। उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रिमोट से चलते हैं।
इसके बाद कांग्रेस और राजद के गठबंधन पर अनिल शर्मा खूब बरसे। उन्होंने इस गठबंधन को बिहार के लिए घातक बताया। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस और राजद का आपसी समझौता है। यह टूटने वाला नहीं है, जो प्रदेश के लिए घातक है। राजद जीता तो जंगलराज की वापसी हो जाएगी। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में जंगलराज की वापसी होगी।” यही नहीं अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का विरोध करने वाली सोनिया गांधी को अनिल शर्मा ने सांप्रदायिक नेत्री बताया।