बिहार में मिथला को राज्य बनाने की मांग एक बार फिर उठी है। जिसके लिए प्रदर्शनकारियों ने पटना में जमकर धरना प्रदर्शन किया। यह मार्च मिथिला स्टूडेंट यूनियन की ओर से निकाली गई। जिसमे बड़ी संख्या में यूनियन से जुड़े लोगों ने गांधी मैदान से राजभवन तक पैदल मार्च किया।
मिथिला का भी बंटवारा भाषा के आधार पर हो
धरनास्थल पर मौजूद प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मिथिला उत्तर बिहार का इलाका है। इसे अलग राज्य बनानी की मांग है। वही उन्होंने कहा कि मिथिला की भाषा भी अलग है। यहां मैथिली भाषा बोली जाती है। ऐसे में जब देश में राज्यों का बंटवारा भाषा के आधार पर किया गया है तो इसे भी अलग राज्य बनाया जाना चाहिए।
40 मिलियन की आबादी के बाद भी कोई एक्शन नहीं
अलग राज्य बनाने को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि मिथिला क्षेत्र के लोग अशिक्षा, बेरोजगारी, पलायन, गरीबी, बाढ़ जैसी समस्या से जूझते रहते हैं। इस स्थिति में अगर अलग राज्य बनेगा तो इसकी तरक्की होगी और विकास भी नजर आएगा। यूनियन अध्यक्ष ने बताया कि मिथिला क्षेत्र की आबादी 40 मिलियन है और यह बिहार विधानसभा के लिए 22 सांसदों और 126 विधायकों का चुनाव करता है। इतनी आबादी होने के बाद अली राज्य नहीं बनाया जा रहा है। बता दें कि यह मांग काफी समय से चल रही है। यूनियन के लोग अक्सर इस मुद्दे को उठाते हुए अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे है।