बिहार की स्थापना को आज 112 साल हो गए। बंगाल से 112 साल पहले 22 मार्च को बिहार-ओडिसा प्रांत की राजधानी बनी। इससे पहले पूर्वजों ने यहां शिक्षण संस्थानों विरासत के रूप में छोड़कर गए। देश का पहला ताम्र डाक टिकट इसी जगह जारी हुआ। संपत्ति का निबंधन स्वर्ण हस्ताक्षर से होने का इसका इतिहास बिहार का रहा है।
शुक्रवार को बिहार दिवस के अवसर पर स्कूलों में छात्र-छात्राओं को बिहार के इतिहास और महत्व के बारे में जानकारी दी गई। बिहार के गौरवशाली इतिहास से छात्र-छात्राओं को प्रिंसिपल द्वारा अवगत कराया गया। बच्चों और शिक्षकों ने इस मौके पर मानव शृंखला भी बनाई।
बिहार के 112 वें स्थापना दिवस के अवसर पर बगहा अनुमंडल अंर्तगत पिपरासी प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय डुमरी-भगड़वा व मध्य विद्यालय लछनही में शिक्षक तथा बच्चों ने शृंखला बनाकर विकसित, शिक्षित, समृद्ध, सशक्त बिहार बनाने का संदेश दिया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के कारण इस बार कोई राजकीय कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुआ। लेकिन बार-बार आपदा से लड़कर खड़ा होने वाला बिहार के लिए 22 मार्च गौरवशाली दिवस के रूप में यादगार है। जो बंगाल से 22 मार्च 1912 को स्वतंत्र बिहार एंड औडिस प्रांत बना।