नेपाल प्रभाग में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी एक बार फिर उफान पर है। नेपाल सरकार ने कोसी नदी के उफान और संभावित खतरे को देखते हुए बैरेज पर यातायात को अस्थायी रूप से रोक दिया है। सरकार ने यह कदम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है, क्योंकि कोसी नदी अपने रौद्र रूप में बह रही है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
बीते 24 घंटों में ही कोसी नदी के जलस्तर में करीब 4 लाख क्यूसेक का उछाल आया है। नेपाल के बराह क्षेत्र में दोपहर 01 बजे 4 लाख 45 हजार 550 क्यूसेक पानी और कोसी बराज से पांच लाख 21 हजार 455 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। कोसी के उफान से सुपौल सहित, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, कटिहार और भागलपुर जिलों में भारी तबाही मचने की आशंका है। यही कारण है कि जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट जारी किया है।
तटबंध के अंदर बसी आबादी को बाहर आने और ऊंचे तथा सुरक्षित स्थान पर शरण लेने को कहा जा रहा है। इसके लिए शुक्रवार की रात से ही प्रशासन की ओर से माइकिंग कराई जा रही है। 56 वर्ष बाद कोसी अपना रिकार्ड दोहराएगी। 1968 के अक्टूबर महीने में कोसी बराज का डिस्चार्ज 7,88,000 क्यूसेक तक पहुंच गया था। दशकों बाद इतनी मात्रा में पानी छोडे जाने के कारण पूरे इलाके के लोग काफी भयभीत हैं।
कल दोपहर तक कोसी खगड़िया और इसके बाद नवगछिया और कटिहार में असर दिखाएगी। कोसी के साथ ही नेपाल से आने वाली अन्य नदियों में भी उफान है। किशनगंज से गुजरने वाली महानंदा, मेची, कनकई, रतुआ आदि नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। लोग पलायन कर रहे हैं।