नेपाल और बिहार में हो रही लगातार बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने दावा किया है कि सरकार किसी भी बाढ़ से निपटने को तैयार है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की नाराजगी इस बार बिहार में कुछ अधिक ही देखने को मिल रही है। सरकार किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सजग है।
हम लोगों ने आरा और लखीसराय समेत कई स्थानों का दौरा किया है। बाढ़ का जलस्तर कभी कम होता है, कभी बढ़ता है, लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी बदलती हुई नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह एक अग्नि परीक्षा है। शासन और प्रशासन के लोग आपदा से पीड़ित लोगों की सेवा के लिए तत्पर हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साफ कहना है कि खजाने पर पहला अधिकार आपदा से पीड़ित लोगों का है। सेवा में कोई कमी नहीं रहेगी।
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बता दें कि नेपाल प्रभाग में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी एक बार फिर उफान पर है। कोसी नदी अपने रौद्र रूप में बह रही है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कोसी के उफान से सुपौल सहित, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, कटिहार और भागलपुर जिलों में भारी तबाही मचने की आशंका है। यही कारण है कि जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट जारी किया है।
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बीते 24 घंटों में ही कोसी नदी के जलस्तर में करीब 4 लाख क्यूसेक का उछाल आया है। नेपाल के बराह क्षेत्र में दोपहर 01 बजे 4 लाख 45 हजार 550 क्यूसेक पानी और कोसी बराज से पांच लाख 21 हजार 455 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। 56 वर्ष बाद कोसी अपना रिकार्ड दोहराएगी। 1968 के अक्टूबर महीने में कोसी बराज का डिस्चार्ज 7,88,000 क्यूसेक तक पहुंच गया था। दशकों बाद इतनी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण पूरे इलाके के लोग काफी भयभीत हैं।