सारण शराबकांड में हुई मौ’तों के बाद अब बिहार सरकार अलर्ट मोड पर है। शराब के हर संभावित अड्डे पर दबिश देने की योजना है। अवैध रूप से जहां भी शराब की आशंका है, बिहार सरकार उसे खत्म कर रही है। बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने राज्य के सभी डीएम को निर्देश दिया है कि शराब तस्करों के साथ अब होमियोपैथिक डॉक्टरों की भी निगरानी होगी।
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होमियोपैथिक डॉक्टरों की निगरानी
दरअसल, सारण कांड में होमियोपैथिक दवा का नाम सामने पर सरकार ने डॉक्टरों को भी जांच से जोड़ दिया है। सरकार अब इन होमियोपैथिक डॉक्टरों की भी निगरानी करेगी। शराब तस्करों के साथ होमियोपैथिक डॉक्टर भी सरकार की जांच का हिस्सा होंगे। जरुरत पड़ने पर उनसे पूछताछ भी होगी और जांच भी।
नाराज हुए डॉक्टर्स
इस आदेश के जारी होते ही अब होमियोपैथिक डॉक्टर्स नाराज हो गए हैं। उनका कहना है कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में हम मरीजों का इलाज कैसे करेंगे। उनका कहना है कि इस तरह के कोई भी नियम लागू करने से पहले सरकार को एक बार होमियोपैथ के डॉक्टरों के साथ मिलकर राय विचार करना चाहिए।