बिहार सरकार ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक नई नीति जारी की है। यह नीति विशेष रूप से वस्त्र और चर्म उद्योग को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
नई नीति के तहत, बिहार के निवासियों को रोजगार देने वाली इकाइयों को बड़ा प्रोत्साहन दिया जाएगा। इन इकाइयों को कर्मचारियों के ईएसआईसी और ईपीएफ के भुगतान पर अधिकतम 300 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। हालांकि, इसके लिए कम से कम 100 कर्मचारियों का होना और उनमें से 75 प्रतिशत बिहार के मूल निवासी होने की शर्त रखी गई है।
अनुदान की राशि कर्मचारियों की श्रेणी के आधार पर तय की गई है। अर्धकुशल कर्मचारियों के लिए प्रति कर्मचारी प्रति माह 3000 रुपये, कुशल कर्मचारियों के लिए 4000 रुपये और उच्च कुशल कर्मचारियों के लिए 5000 रुपये तक की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है।
इसके अलावा, नीति में कहा गया है कि इकाइयों को कर्मचारियों को कम से कम एक साल तक रोजगार देना होगा। अनुदान की अवधि उद्योग के प्रकार पर निर्भर करेगी। वस्त्र और चर्म उद्योग के लिए यह सात साल तक, जबकि अन्य उद्योगों के लिए पांच साल तक होगी।
सरकार का मानना है कि इस नीति से न सिर्फ निवेश बढ़ेगा बल्कि राज्य में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।