बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक इन योजनाओं का लाभ 40,000 युवाओं को मिल चुका है, और सरकार का लक्ष्य है कि यह संख्या जल्द ही 50,000 तक पहुंच जाए।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने जानकारी दी कि इस साल पांच लाख से अधिक लोगों ने उद्यमी योजना के लिए पंजीकरण करवाया है। उन्होंने बताया कि इस बार विभिन्न कैटेगरी में 9,240 लोगों को लोन दिया जाएगा। इनमें 2,000 युवा, 2,000 महिलाएं, 2,000 ओबीसी कैटेगरी के लोग, 2,000 अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग, और 1,240 अल्पसंख्यक शामिल हैं।
लघु उद्यम योजना के तहत, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना के बाद आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को दो लाख रुपये का लोन देने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 40,000 लोगों को लोन की पहली किस्त दी जा चुकी है, और जल्द ही नए वित्तीय वर्ष के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।
स्वरोजगार का उद्देश्य:
मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। साथ ही, इन उद्योगों के माध्यम से अन्य लोगों को भी रोजगार मिल सके। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत स्वरोजगार को लेकर विभाग लगातार कार्यरत है।
योजनाओं का विवरण:
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत 2016 में की गई थी। इस योजना के तहत युवाओं को उद्योग लगाने के लिए 10 लाख रुपये का लोन दिया जाता है, जिसमें से 5 लाख रुपये की सब्सिडी होती है। लाभुक को केवल 5 लाख रुपये 84 किस्तों में सात साल के भीतर वापस करने होते हैं।
आवेदन प्रक्रिया:
उद्योग विभाग द्वारा इस बार भी उद्यमी लोन देने की घोषणा की गई है। आवेदन 1 जुलाई से शुरू हुए थे और 16 अगस्त तक जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। इस योजना के तहत चयन प्रक्रिया रैंडम लॉटरी सिस्टम के माध्यम से की जाती है।
राशि वितरण प्रक्रिया:
चुने गए लाभुकों को पहली किस्त में कुल राशि का 25% दिया जाता है। इसके बाद, उद्योग के लिए आवश्यक सामान की खरीदारी के लिए दूसरी किस्त प्रदान की जाती है। चयनित लाभुकों को पहले एक सप्ताह की अनिवार्य ट्रेनिंग दी जाती है, जिसके बाद जिला उद्योग विभाग उनकी मॉनिटरिंग करता है