Bihar Weather: बिहार में अभी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यूं तो सर्दियों के मौसम में आम लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाती है. बच्चे, बूढे़, जवान, मवेशियों तक भारी कठिनाई में समय बिताने को विवश होते हैं. खासकर हृदय, दमा रोगियों के लिये सर्दी का मौसम बहुत ही खतरनाक होता है. इसके अलावा खाँसी, जुकाम, जोड़ो का दर्द भी लोगों को काफी परेशान करती है. ऐसे में इन तमाम स्थितियों में अगर आपको कड़ाके की ठंढ़ से बचना है तो सामान्य खर्च पर देशी तरीको का इस्तेमाल कर आप पुरे साल तनदुरुस्त, स्वस्थ्य और प्रसन्न रह सकते है.
इसके साथ ही खान- पान, रहन,-सहन, आहार और देशी खुराक से स्वास्थ्य को चुस्त- दुरूस्त और मस्त रखा जा सकता है. कड़ाके की हो रही ठंड के कारण लोग घरों में दुबके रहे हैं और निजी स्तर से अलाव की व्यवस्था कर रखा है. कड़ाके की ठंड में कुछ ऐसे देशी नुख्से जो आपको तनदुरूस्त और आपकी युमिनटि बनाये रखने में मदद करेंगे.
इस संबंध में हेम्योपैथ चिकित्सकों का मानना है कि सर्दियों के मौसम में जितना भी हो सके आलस से बचने का प्रयास करें. जैसे जैसे ठंढ़ बढ़े वैसे वैसे खान पान में परिवर्तन करना चाहिये. चूंकि बाहरी तापमान से तालमेल बैठाने के लिए इस मौसम में शरीर का भीतरी तंत्र ज्यादा मुस्तैदी से काम करने लगता है.
बाहर पड़ रही शीत का संपर्क हमारी त्वचा से बना रहता है, तो शरीर के भीतर मौजूद जठराग्नि प्रबल हो जाती है, तो ऐसे में सर्दियों में पाचन शक्तियों में इजाफा हो जाता है.
पाचन रखे सही और आलस से रहे दूर
देर रात को भोजन नही करें.यदि करें भी तो देर तक जगें नही.ठंढ़ की शुरुवात होते ही दुध,मलाई,उड़द की दाल एवं तिल जैसी चिकनाई वाली और पौष्टिक चीजों का भोजन में उपयोग करना चाहिये.भोजन सही नही हो तो पौष्टिक एवं गरिष्ठ चीज नही खायें.ठ़ंढ़ के मौसम में आलस से बचना चाहिये.आलस,वात प्रकृति का सबसे बड़ा दुश्मन होता है.गर्मी के ठीक विपरीत ठंढ़ी में दिन में सोने की आदत नही बनाना चाहिये,अन्यथा शरीर में भारीपन,सर्दी,जुकाम आदि का संभावना बढ़ जाती है.
सर्दियों में इन खतरनाक रोगों से रहे सावधान
सर्दियों में खासकर हृदय एवं दमा रोगी को काफी सावधान रहने की आवशयकता है. इस मौसम में एंजाना और दील का दौरा पड़ने की संभावना पचास प्रतिशत बढ़ जाती है.तापमान में बदलाव के कारण दील की धमनियों मे सिकुड़न आ जाती है. ऑक्सीजन की आपूर्ति और खून के बहाव पर दबाव पड़ने लगता है.ठंढ़ी हवाओं के साथ सर्दी जुकाम और गले में सुजन पैदा करने वाले वैक्टीरीया रोगी की मुसीबत बढा़ देती है.सर्दी शरीर में वात और कफ की वृद्धि का मौसम है.चूंकि जोड़ो का दर्द वात असंतुलन के कारण होता है.परिणामस्वरुप ठंढ़ी में तखलीफ बढ़ जाती है.सब्जियाँ,फाईबरयुक्त भोजन,अंकुरित अनाज व सूखे मेंवें लें.पानी खुब पीयें.पाचन ठीक रहेगा.
सर्दियों में इसका करें प्रयोग, रखें अपने आप को तदुरुस्त
सर्दियों में अगर आप अगर आप इनका उपयोग करें,तो ना सिर्फ तनदुरूस्त रहेंगें बल्कि निरोग भी रह सकते हैं.अखरोट,मूंगफली,तिल,गाजर,खजूर व बादाम सेहत के लिये हर दृष्टिकोण से जबरदस्त फायदेमंद है.आंवले का रस प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.ताजे आँवले को पीस कर रस निकाल लें.बीस तीस मिली लीटर रस में एक चम्मच शहद मिलाकर शाम सवेरे पीने से काफी फायदा होगा.कच्चे आँवले का चटनी बनाकर खायें.
भरपूर ऊर्जा देगा रात में गर्म दूध
ठंड के दिनों में रात को गरम दूध पीने से शरीर को भरपूर उर्जा और पौष्टिकता प्रदान करता है.उबले हुये दूध को ठंढ़ा होने दें.इसमें एक चम्मच घी अथवा दो-तीन चम्मच शहद मिलाकर पियें.घी को पिघला कर मिलायें.पाचन क्रिया ठीक हो तो यह काफी फायदेमंद है. यह ध्यान रहे कि इसका प्रयोग तभी करें,जब खाना खाये हुए दो ढाई घंटे हो चुके हो.