सावन का महीना आमतौर पर बिहारवासियों को गर्मी की तपिश से राहत दिलाता है। लेकिन इस वर्ष मानसून की अनियमितता ने राज्य को सूखे की चपेट में ला दिया है। बारिश की कमी ने कृषि क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं, क्योंकि धान की रोपाई में बाधा उत्पन्न हो रही है। सिंचाई के साधन भी तनाव में हैं।
दूसरी ओर, आम जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। बढ़ती उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा है। बिजली की खपत में वृद्धि हुई है, जिससे बिजली कटौती की समस्या और गहराई से उभरी है। स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे भी सामने आ रहे हैं।
हालांकि, मौसम विभाग ने कुछ राहत की खबर दी है। पटना सहित राज्य के कई जिलों में आज बारिश की संभावना है। लेकिन यह राहत अस्थायी हो सकती है क्योंकि मौसम विभाग का अनुमान है कि अगस्त के पहले सप्ताह तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश की संभावना कम है।
दक्षिण बिहार के कुछ हिस्सों में हुई बारिश ने किसानों को कुछ हद तक राहत दी है, लेकिन यह राहत पर्याप्त नहीं है। राज्य सरकार को इस स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है, जिसमें सिंचाई सुविधाओं को बढ़ावा देना, किसानों को मुआवजा देना और जनता को राहत प्रदान करना शामिल है