भाजपा के नेता रितुराज सिन्हा ऐसे हैं, जो लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक में बिहार की मीडिया में उम्मीदवार के रूप में छाए रहते हैं। 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में रितुराज सिन्हा के नाम की चर्चा खूब उठी। अखबार से लेकर टीवी चैनल और डिजिटल मीडिया में रितुराज सिन्हा की उम्मीदवारी पर खूब लिखा और दिखाया गया। लेकिन दोनों चुनावों में रविशंकर प्रसाद ने बाजी मार ली। अभी बिहार में राज्यसभा की दो सीटों पर उपचुनाव की चर्चा शुरू हुई तो इसमें भी मीडिया ने बढ़ा-चढ़ा कर रितुराज सिन्हा का नाम उछाला। लेकिन इस बार भी रितुराज सिन्हा का टिकट वेटिंग ही रहा है। आइए जानते हैं रितुराज सिन्हा के बारे में, जो भाजपा के संगठन में तो आगे बढ़ रहे हैं लेकिन संसदीय व्यवस्था में जगह नहीं बना पा रहे।
43 वर्षीय रितुराज सिन्हा अभी भाजपा में राष्ट्रीय सचिव के पद पर हैं। साथ ही एसआईएस लिमिटेड में रितुराज सिन्हा ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। इसके अलावा रितुराज सिन्हा आईआईएम बोधगया में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भी सदस्य हैं। पटना के डॉनबॉस्को स्कूल से पढ़ाई करने वाले रितुराज सिन्हा ने दून स्कूल, देहरादून में भी पढ़ाई की है। इसके बाद लीड्स यूनिवर्सिटी बिजेस स्कूल, यूके से स्नातक की पढ़ाई की है। बाद में लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है।
राजनीति में प्रवेश से पहले रितुराज सिन्हा ने इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर कॅरियर की शुरुआत की और फिर अपने पिता आरके सिन्हा के साथ एसआईएस इंडिया में काम शुरू किया। रितुराज सिन्हा के पिता आरके सिन्हा भाजपा के सक्रिय सदस्य रहे हैं। उन्हें भाजपा ने राज्यसभा में भेजा भी है। लेकिन पटना से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का आरके सिन्हा का ख्वाब अधूरा ही रहा। अब रितुराज सिन्हा भी दो चुनावों से वेटिंग में ही रह जा रहे हैं।