बिहार नगर निकाय चुनाव पर फिर टल जाने का खतरा मंडरा रहा था। लेकिन अब ये तय हो गया है कि चुनाव तय तारीखों पर ही होगा। यानी 18 और 28 दिसंबर को ही चुनाव होगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए अतिपिछड़ा आयोग को डेडिकेटेड आयोग मानने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि एक बार फिर से निकाय चुनाव पर रोक लग जाएगा। 6 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इसपर बड़ा फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 20 जनवरी 2023 की तारीख तय कर दी है। जिसके बाद निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया था।
लेकिन इसके बाद याचिकाकर्ता सुनील कुमार ने तत्काल सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे आज यानी 8 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मतलब सुनवाई 20 जनवरी 2023 को ही होगी। इसी के साथ ये तय हो गया है कि निकाय चुनाव तय तारीखों पर ही होगा।
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पहले हाईकोर्ट ने लगाया रोक
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में तीन जांच की अर्हता निर्धारित की थी। जिसमें पहला ओबीसी के पिछड़ापन पर आंकडे जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने का था। दूसरा आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करना था। वहीं तीसरा एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा को नहीं पार करें इसको सुनिश्चित करना था। पर बिहार नगर निकाय चुनाव में ये सुप्रीम कोर्ट के निर्देनासुनर चुनाव ना कराए जाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दिया था।
हाईकोर्ट माना तो सुप्रीम कोर्ट में अटका मामला
हाईकोर्ट द्वारा निकाय चुनाव पर रोक लगाए जाने के बाद राज्य सरकार अतिपिछड़ा आयोग का गठन कर जांच करने की बात कही। जिसको हाईकोर्ट द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। पर सुनील कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई और हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई। याचिका में अतिपिछड़ा आयोग से रिपोर्ट तैयार करने को सही नहीं कहा गया था। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर राज्य सरकार को जवाब देने के लिए कहा था।
तारीखों का ऐलान
सुप्रीम कोर्ट के सवाल उठाए जाने के बाद 30 नवंबर को निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया। जारी अधिसूचना के अनुसार चुनाव कुल दो चरणों में होना है। पहले चरण का मतदान 18 दिसंबर को होगा वही मतगणना 20 दिसंबर को होना है। वही दूसरे चरण के लिए मतदान 28 दिसंबर को होगा, वही मतगणना के लिए 30 दिसंबर की तारीख तय कर दी गई है। एक तरफ तारीखों का ऐलान कर दिया गया वही दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 20 जनवरी तक टाल दिया। जिसके बाद निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया था। याचिकाकर्ता ने जल्द सुनवाई करने की याचिका भी दायर की जिसे आज सुप्रीम कोर्ट खारिज कर दिया। मिला जुला के ये बात साफ हो गई है कि चुनाव तय तारीखों पर होगा और सुनवाई चुनाव पूरा होने के बाद जनवरी में तय की गई तारीख पर होगा।